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Stock Market Crash: अमेरिका में कुछ हुआ ऐसा... अचानक होने लगी है मंदी की चर्चा, भारत के लिए क्या संकेत?

Global Markets Fall: सबसे ज्यादा मंदी की आहट की खबर अमेरिका से आ रही है. एक डेटा ने मंदी की खबर को हवा दे दी है. अमेरिका में जारी कमजोर विनिर्माण (Manufacturing PMI) के डेटा ने भूचाल ला दिया है. यहां जुलाई के विनिर्माण सूचकांक 46.8% रहा है, जो कि चिंताजनक है.

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Recession in US
Recession in US

कल तक सबकुछ ठीक था, लेकिन अब अचानक मंदी (Recession) की बात होने लगी है, जिसका पहला असर या फिर कहें घबराहट, शेयर बाजार में देखने को मिल रहे हैं. गुरुवार को ग्लोबल मार्केट में बड़ी गिरावट आई, अमेरिकी शेयर बाजार में तो भूचाल आ गया. गुरुवार को अमेरिका में सभी तीन प्रमुख सूचकांक तगड़े गिरावट के साथ बंद हुए. नैस्डैक में सबसे ज्यादा 2.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. 

अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट 

दरअसल अमेरिकी शेयर बाजार (Share Market) में गुरुवार को हाहाकार मच गया, S&P 500 में 1.37 फीसदी और डाउ जोन्स में 1.21 फीसदी बड़ी गिरावट दर्ज की गई. अमेरिकी दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी Nvidia के शेयर में करीब 7 फीसदी की गिरावट आई. वहीं अमेरिकी MNC कंपनी ब्रॉडकॉम इंक (Broadcom Inc) के शेयर 8.50 फीसदी तक लुढ़क गए. सबसे ज्यादा उन कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है, जो AI पर ज्यादा काम कर रही है. इस बीच इंटेल ने 2025 तक 10 बिलियन डॉलर बचाने के लिए 15,000 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है.
 
सबसे ज्यादा मंदी की आहट की खबर अमेरिका से आ रही है. एक डेटा ने मंदी की खबर को हवा दे दी है. अमेरिका में जारी कमजोर विनिर्माण (Manufacturing PMI) के डेटा ने भूचाल ला दिया है. यहां जुलाई के विनिर्माण सूचकांक 46.8% रहा है, जो कि चिंताजनक है. विनिर्माण सूचकांक 50 फीसदी से कम अच्छा संकेत नहीं माना जाता है. बता दें, अमेरिकी वेल्थ मैनेजमेंट और इक्विटी रिसर्च कंपनी Spartan Capital Securities, LLC के पीटर कार्डिलो ने मंदी के लिए आर्थिक चिंताओं को जिम्मेदार ठहराया. इसके अलावा अमेरिका में बेरोजगारी दर भी अनुमान से ज्यादा रहने पर शेयर बाजार पर दबाव बढ़ा. अमेरिकी डॉलर की दरें और ट्रेजरी यील्ड में भी वृद्धि हुई.

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इस बीच यूरोप में मुद्रास्फीति के आंकड़ों में गिरावट देखी जा रही है. इससे अनिश्चितता बढ़ गई है कि यूरोपीय सेंट्रल बैंक जून के बाद सितंबर में ब्याज दरों में कटौती करेगा या नहीं. इससे जुड़ी चिंताओं के कारण फ्रैंकफर्ट और पेरिस दोनों स्टॉक 2 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुए. 

जापान में अब इतना महंगा हुआ ब्याज
वहीं जापानी सेंट्रल बैंक ने जुलाई-2024 के बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला कर लिया है. बैंक ऑफ जापान ने बताया कि उसने ब्याज दर को बढ़ाकर 0.25 फीसदी करने का फैसला किया है. इससे पहले जापान में सेंट्रल बैंक की ब्याज दर 0.10 फीसदी थी. जापान के इस फैसले से निक्केई में 5 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई. दूसरी ओर हांगकांग, सिडनी, सियोल और ताइपे में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई. जबकि शंघाई, जकार्ता, वेलिंगटन, सिंगापुर और मनीला भी लाल निशान में बंद हुए.

जियो पॉलिटिकल टेंशन भी एक कारण 

इसके अलावा मिडिल ईस्ट में सप्लाई बाधित होने की चिंता अलग है, साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. क्योंकि चीन में डिमांड घटी है. जिससे बाजार का मिजाज खराब हुआ. इजरायल और ईरान के बीच तनाव की खबर ने जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ा दी है, और निवेश का माहौल खराब किया. 

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भारतीय शेयर बाजार में भी अचानक गिरावट 

इस बीच शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई. सेंसेक्स (Sensex) 885.59 अंक गिरकर 80,981.95 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 293.20 अंक गिरकर 24,717.70 पर बंद हुआ. सेंसेक्‍स में भारी गिरावट से बीएसई का मार्केट कैप शुक्रवार को 4.56 लाख करोड़ रुपये घटकर 457.06 लाख करोड़ हो गया. 

भारतीय बाजार में गिरावट का एक बड़ा कारण ऑटो इंडस्ट्रीज द्वारा दिए गए खराब गाइडेंस है. जुलाई महीने में सभी दिग्गज ऑटो कंपनियों की बिक्री प्रभावित हुई. इसके साथ ही पहली तिमाही के नतीजों में भी अच्छा खासा दबाव देखने को मिला है. मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स ने आने वालों महीनों में बिक्री प्रभावित होने के संकेत दिए हैं. जिससे टाटा मोटर्स और मारुति सुजुकी के शेयरों में 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. जबकि M&M के शेयर करीब 3 फीसदी लुढ़क गए.

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