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Gensol Engineering Scam: इस कंपनी के प्रमोटर्स का बड़ा झोल... सेबी ने किया बैन, 86% टूटे शेयर, निवेशक बर्बाद!

सेबी ने जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ सख्‍त एक्‍शन लेते हुए दोनों प्रमोटरों- अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को किसी भी डायरेक्‍टोरियल या प्रमुख मैनेजमेंट पद पर रहने से रोक दिया है.

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शेयर बाजार में कुछ दिनों से एक शेयर में भारी गिरावट रही है. यह शेयर हर दिन टूट रहा है. कभी-कभी ये लोअर सर्किट पर भी पहुंच जाता है. हम बात कर रहे हैं Gensol Engineering के बारे में, जो पिछले एक साल के दौरान 86 प्रतिशत टूट चुका है. अब इस कंपनी पर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने बड़ा एक्‍शन लिया है. 

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सेबी ने प्रमोटर्स को किया बैन 
सेबी ने जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ सख्‍त एक्‍शन लेते हुए दोनों प्रमोटरों- अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को किसी भी डायरेक्‍टोरियल या प्रमुख मैनेजमेंट पद पर रहने से रोक दिया है. साथ ही उन्‍हें शेयर बाजार में किसी भी तरह के ट्रांजेक्‍शन से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. इतना ही नही स्‍टॉक स्प्लिट पर भी रोक लगा दी है. 

सेबी ने क्‍यों लिया ये एक्‍शन, अब आगे क्‍या? 
SEBI ने अपनी जांच में बताया कि दोनों प्रमोटर्स ने Gensol Engineering में फंड का दुरुप्रयोग किया है. साथ ही शेयर बाजार में हेरफेर करने के लिए भ्रामक जानकारी भी दी है. सेबी अब कंपनी की वित्तीय गतिविधियों की गहन जांच कराने के लिए एक फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्‍त करेगा. यह रिपोर्ट छह महीने के भीतर देने को कहा है. 

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EV खरीद में मिली भारी गड़बड़ी
ईवी खरीद को लेकर जांच में सामने आया है कि जेनसोल इंजीनियरिंग ने ₹977.75 करोड़ का टर्म लोन लिया था. इसमें से ₹663.89 करोड़ से 6,400 इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) खरीदे जाने थे, लेकिन सिर्फ 4,704 गाड़ियां खरीद गईं, जिनकी कीमत ₹567.73 करोड़ बताई गई. ऐसे में ₹262.13 करोड़ की राशि का कोई खास स्‍पष्‍टीकरण नहीं मिला है. 

कहां गए पैसे? 
इस कंपनी को लेकर आरोप है कि बाकी रकम प्रमोटर्स और उनके रिश्‍तेदारों से जुड़ी संस्‍थाओं को डायवर्ट की गई. इसमें लग्‍जरी खर्च, रियल एस्‍टेट की खरीद और परिजनों को कैश ट्रांसफर करना शामिल है. साथ ही Gensol और इसके EV सप्लायर Go-Auto के बीच पैसे की राउंड-ट्रिपिंग भी पाई गई. राउंड-ट्रिपिंग का मतलब है कि एक ही पैसा दो कंपनियों के बीच ऐसे घुमाना जैस सच में डील हुई हो. 

फर्जी ऑर्डर को लेकर किया खेल 
Gensol Engineering ने दावा किया था कि उसे 30,000 EVs के ऑर्डर मिले हैं, लेकिन जांच में पता चला कि ये सिर्फ ऐसा नहीं था. इनमें कीमत और डिलीवरी जैसी जरूरी बातें ही नहीं थीं. एक साइट विजिट के दौरान जब जांच हुई तो पता चला कि उस फैक्‍ट्री में कोई मैन्‍युफैक्‍चरिंग एक्टिविटी ही नहीं है. 

स्टॉक स्प्लिट पर प्रतिबंध 
Gensol Engineering ने हाल ही में 1:10 स्टॉक स्प्लिट का भी ऐलान किया था. सेबी ने उस पर भी रोक लगा दी है. मार्केट रेगुलेटर का कहना है कि यह कदम निवेशकों के हित के लिए उठाया गया है. दिसंबर 2024 के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, कंपनी में 35.34% रिटेल इन्वेस्टर्स थे. 

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शेयरों में आज भी लोअर सर्किट 
Gensol Engineering के शेयर आज बीएसई पर 5 फीसदी टूटकर 122.68 रुपये प्रति शेयर पर आ चुके हैं. इस शेयर ने इस साल अभी तक 84 फीसदी टूट चुका है. अब इस शेयर को निवेशक बेचकर निकलना चाहते हैं, लेकिन लोअर सर्किट लगने के कारण इससे निकल नहीं पा रहे हैं. 

(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.) 

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