भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की फिलहाल सेहत कैसी है, इसका पता आज चलेगा. दरअसल, आज 31 मई 2023 को चौथी तिमाही के जीडीपी (GDP) आंकड़े जारी किए जाएंगे. इस बार बीती तिमाही की तुलना में देश की फाइनेंशियल हेल्थ बेहतर रहने की उम्मीद जताई जा रही है. एनालिस्ट जनवरी-मार्च 2023 तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 4.9 से 5.5 फीसदी रहने का अनुमान जता रहे हैं, इससे पिछली अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही में ये आंकड़ा 4.4 फीसदी रहा था.
रिजर्व बैंक ने जताया है ये अनुमान
31 मार्च 2023 को खत्म हुए वित्त वर्ष 2022-23 की सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी दर्ज की गई थी, जबकि इसके बाद आए आंकड़े इससे नीचे ही रहे. अब चौथी तिमाही के आंकड़े पेश होने जा रहे हैं और एनालिस्टों को उम्मीद है कि कृषि क्षेत्र में मजबूती और घरेलू डिमांड बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था को सपोर्ट मिल सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में रियल जीडीपी (Real GDP Growth) 5.1 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगी.
SBI को है ये उम्मीद
जहां आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ 5.1 फीसदी की दर से होने की उम्मीद जाहिर की है, तो वहीं भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपनी रिपोर्ट में इसके चौथी तिमाही में 5.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. जबकि, पूरे फाइनेंशियल ईयर 2023 के लिए भारत की GDP Growth 7.1 फीसदी रह सकती है. आरबीआई और एसबीआई के अलावा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने भी ग्रोथ रेट का पूर्वानुमान जाहिर किया है. एनएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी तक रह सकती है.
ब्रोकरेज ने जताया ये अनुमान
ब्रोकरेज हाउस बी एंड के सिक्योरिटीज (B&K Securities) का मानना है कि चालू वित्त वर्ष की जीडीपी वृद्धि करीब 7 फीसदी रहने की उम्मीद है, जो निजी खपत के साथ-साथ सेवा क्षेत्र द्वारा संचालित हो सकती है. हालांकि, ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 24 में भारत की जीडीपी वृद्धि निजी खपत में कमी के चलते नकारात्मक रूप से प्रभावित होने की आशंका है. धीमी वैश्विक अर्थव्यवस्था चिंता का एक अन्य कारण है, क्योंकि इससे निर्यात में सुस्ती आएगी और मैन्युफैक्चरिंग और ग्रोथ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
Emkay Global Financial Services की चीफ इकोनोमिस्ट माधवी अरोरा की मानें तो फाइनेंशियल ईयर 2023 की चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.1 फीसदी और पूरे वित्त वर्ष के लिए ये 7 फीसदी रह सकता है. हालांकि, वित्त वर्ष 2024 में इसके धीमा पड़ने का अनुमान है और ये 5.7 फीसदी रह सकता है.
आरबीआई गवर्नर ने कही थी बड़ी बात
बीते सप्ताह ही भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जीडीपी ग्रोथ को लेकर अनुमान जाहिर किया था. उन्होंने कहा था कि हमें बिल्कुल भी सरप्राइज नहीं होना चाहिए, अगर भारत की GDP Growth Rate 7 फीसदी से अधिक दर्ज की जाती है. आरबीआई गवर्नर के मुताबिक, इस बात की पूरी संभावना है कि पिछले वित्त वर्ष की जीडीपी वृद्धि दर अनुमान से अधिक दर्ज की जा सकती है.
देश की तस्वीर दिखाते हैं जीडीपी के आंकड़े
GDP के आंकड़े किसी भी देश के लिए बेहद जरूरी डाटा होता है. दरअसल, ये देश की इकोनॉमी की पूरी तस्वीर दिखाते हैं. जीडीपी दो तरह की होती है, पहली Real GDP और Nonimal GDP. रियल जीडीपी में गुड्स एंड सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है. जीडीपी के आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी किए जाते हैं.