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पहले उड़ाया मजाक, फिर कही अपमानजनक बात... जिसका रतन टाटा ने ऐसे लिया था बदला

Ratan Tata Revenge Story: देश के बड़े बिजनेसमैन रहे रतन टाटा को 90 के दशक में अमेरिका में अपमान सहना पड़ा था और उसका बदला उन्होंने ऐसे लिया कि वो एक मिसाल बन गया.

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रतन टाटा ने फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन से लिया था अपमान का बदला (Photo: PTI)
रतन टाटा ने फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन से लिया था अपमान का बदला (Photo: PTI)

रतन टाटा की आज पुण्यतिथि है और पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. बीते साल 9 अक्टूबर 2024 को 86 साल की उम्र में उनका मुंबई में निधन हो गया था. देश में उन्होंने एक बड़ा बिजनेसमैन और दरियादिल इंसान के तौर पर जाना जाता है. वे हमेशा लोगों के लिए प्रेरणादायक रहे हैं. लेकिन क्या आप उनके बदले की कहानी के बारे में जानते हैं, जो बेहद ही दिलचस्प है. ये अमेरिका में हुए उनके अपमान से जुड़ी हुई है, जिसका बदला उन्होंने ऐसे लिया कि एक मिसाल बन गई. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से... 

टाटा मोटर्स से जुड़ी है कहानी
रतन टाटा के बदले की कहानी टाटा ग्रुप की कंपनी Tata Motors से जुड़ी हुई है. दरअसल, 90 के दशक में रतन टाटा ने नेतृत्व में कंपनी ने पैसेंजर कार सेक्शन में टाटा इंडिका (Tata Indica) लॉन्च की थी. लेकिन, इसकी जोरदार लॉन्चिंग के बावजूद सेल को इतना अच्छा रिस्पांस नहीं मिला. रतन टाटा की सोच के विपरीत इस कार ने तगड़ा घाटा करा दिया. नौबत यहां तक आ गई कि लगातार बढ़ते नुकसान के चलते उन्होंने अपने पैसेंजर कार डिवीजन को बेचने का बड़ा फैसला कर लिया था. इसकी बिक्री के लिए दिग्गज अमेरिकन कार निर्माता Ford Motors के साथ बात शुरू हुई. 

डील के दौरान हुआ अपमान
रतन टाटा पैसेंजर कार डिविजन को बेचने पर बातचीत करने के लिए अमेरिका गए थे. जहां फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड (Bill Ford) के साथ उनकी बैठक हुई. लेकिन इस बैठक में बिल ने उनका मजाक उड़ाया था. दरअसल, बिल फोर्ड ने रतन टाटा से कहा था कि अगर आपको इस बिजनेस के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तो फिर आपने पैसेंजर कार डिवीजन की शुरुआत क्यों की?. बात यहीं नहीं रुकी उन्होंने अपमानजनक भाषा में यहां तक कह दिया था कि, 'हम आपके इस बिजनेस को खरीदते हैं, तो ये आपके ऊपर एक एहसान होगा.' 

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भारत वापसी कर बने बादशाह
Bill Ford की बातों ने रतन टाटा के दिलो-दिमाग में घर कर लिया और वे इस मीटिंग को छोड़कर भारत वापस आ गए. यहां आकर उन्होंने बिल फोर्ड को सबक सिखाने की ठान ली और अपने पैसेंजर कार बिजनेस को बेचने का फैसला टाल दिया. इसके बाद देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर में क्रांति की शुरुआत सी हो गई. Ratan Tata ने पूरा फोकस टाटा मोटर्स को आगे बढ़ाने पर लगा दिया और महज एक दशक से भी कम समय में इस सेक्टर के बादशाह बनकर उभरे. 

टाटा मोटर्स के बढ़ते कारोबार के बीच उन्होंने अपने अपमान का बदला लेते हुए Bill Ford को ऐसा सबक सिखाया, जिसकी उसने कल्पना भी कभी नहीं की थी. दरअसल, 9 साल तक वे शांति से अपना बिजनेस बढ़ाने पर लगे रहे और इस बाकये का जिक्र किसी से नहीं किया. साल 2008 में टाटा मोटर्स दुनिया भर के मार्केट में छा चुकी थी और कंपनी की कारें वेस्ट सेलिंग कैटेगरी में सबसे ऊपर आ गई थीं.

रतन टाटा के सामने गिड़गिड़ाए बिल फोर्ड
एक ओर जहां टाटा मोटर्स का कारोबार बुलंदियों पर पहुंच रहा था, तो उस समय Ford Motors दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थी. इस दौरान रतन टाटा की नजर फोर्ड के ब्रांड्स पर रही और उन्होंने बिल फोर्ड से Jaguar और Land Rover ब्रांड को खरीदने की पेशकश कर डाली. इस डील को लेकर जब रतन टाटा और बिल फोर्ड की मीटिंग हुई, तो Ford चेयरमैन के सुर बदल चुके थे और कभी रतन टाटा का अपमान करने वाले इस शख्स ने टाटा की पेशकश के लिए रतन टाटा को थैंक्यू बोला और कहा, आप जैगुआर-लैंड रोवर (JLR) को खरीदकर हमारे ऊपर एक बहुत बड़ा उपकार कर रहे हैं.

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