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फेस्टिव सीजन में बढ़ेगी कार-बाइक की बिक्री, लेकिन रास्ते में ये 2 संकट!

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के एक सर्वेक्षण के अनुसार त्योहारी सीजन की बिक्री और नई पेशकश के साथ ही खरीदार बढ़ने से ऑटोमोबाइल डीलरों की मांग में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 10-15 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है.

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ऑटोमोबाइल्स इंडस्ट्रीज में रौनक लौटने की उम्मीद
ऑटोमोबाइल्स इंडस्ट्रीज में रौनक लौटने की उम्मीद
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वित्त वर्ष 2021-22 में 10 से 15% मांग बढ़ने की उम्मीद
  • कोरोना की तीसरी लहर की आशंका का डर
  • दोपहिया की मांग ज्यादा बढ़ने की उम्मीद

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के एक सर्वेक्षण के अनुसार त्योहारी सीजन की बिक्री और नई पेशकश के साथ ही खरीदार बढ़ने से ऑटोमोबाइल डीलरों की मांग में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 10-15 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है.

रेटिंग एजेंसी ने यह भी जोड़ा कि कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका सच होने की स्थिति में यह रफ्तार प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा ईंधन की कीमतों में तेजी और कलपुर्जा विनिर्माताओं (OEM) की आपूर्ति में बाधाओं से भी ऑटोमोबाइल क्षेत्र प्रभावित हो सकता है.

क्रिसिल ने सोमवार को कहा कि ऑटोमोबाइल डीलरों का प्रदर्शन भी क्षेत्रवार अलग-अलग होता है, और उत्तर भारत में डीलरशिप सबसे अधिक प्रभावित होती हैं.

सर्वेक्षण में कहा गया, 'दोपहिया, यात्री वाहनों और वाणिज्यिक वाहनों के डीलरों को उम्मीद है कि पिछले वित्त वर्ष के निचले स्तर पर बिक्री में 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, जो नए मॉडल की पेशकश, मांग में तेजी और त्योहारी सीजन की बिक्री से प्रेरित है.'

यह सर्वेक्षण दोपहिया वाहनों, यात्री और वाणिज्यिक वाहनों के 123 से अधिक डीलरों के बीच किया गया, जिसका मकसद डीलरों की भावनाओं और अपेक्षाओं का आकलन करना था.

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पीटीआई के मुताबिक क्रिसिल के निदेशक भूषण पारेख ने कहा, 'पिछले वित्त वर्ष में त्योहारी सत्र में मांग बढ़ी थी, लेकिन यह टिकाऊ नहीं साबित हुई। दोपहिया डीलर सबसे अधिक प्रभावित हुए। इस वित्त वर्ष में भी बिक्री अभी महामारी से पहले के स्तर तक नहीं पहुंची है'.

उन्होंने कहा कि डीलरों के बीच धारणा सकारात्मक है, लेकिन त्योहारी सत्र के दौरान कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर को लेकर चिंता भी है. 


 

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