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Burger King: 13 साल की कानूनी जंग हार गई US की ये कंपनी... जानिए क्या था मामला और भारत में किसने दी मात?

Burger King Loses Legal Battle : बर्गर किंग कॉरपोरेशन की स्थापना साल 1954 में अमेरिका में की गई थी और ये दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अपना कारोबार कर रही है. पुणे के एक रेस्टोरेंट के साथ इसकी कानूनी लड़ाई 2011 से चल रही थी.

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बर्गर किंग और पुणे के एक रेस्टोरेंट के बीच चल रही थी कानूनी लड़ाई
बर्गर किंग और पुणे के एक रेस्टोरेंट के बीच चल रही थी कानूनी लड़ाई

अमेरिकी कंपनी बर्गर किंग (Burger King) का भारत में बड़ा बिजनेस है, दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहर के साथ ही छोटे शहरों में भी इसके आउटलेट्स देखने को मिल जाते हैं. लेकिन इतनी बड़ी कंपनी को 13 साल पुरानी कानूनी लड़ाई में करारी शिकस्त मिली है. ये कानूनी जंग कंपनी के नाम को लेकर चल रही थी, जिसमें एक छोटे से रेस्टोरेंट से US Firm हार गई है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...  

2011 से चल रही थी ये कानूनी लड़ाई
अमेरिका की दिग्गज कंपनी बर्गर किंग कॉरपोरेशन ने महाराष्ट्र के पुणे में इसी Burger King नाम से संचालित होने वाले एक रेस्टोरेंट पर ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाया था. साल 2011 में ये कानूनी लड़ाई शुरू हुई थी और अब 13 साल बाद पुणे की जिला अदालत ने अमेरिकी कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया है. बर्गर किंग कॉरपोरेशन द्वारा दायर किए गए मुकदमे में ट्रेडमार्क के उल्लंघन, ट्रेडमार्क को अपना बताने के आरोप लगाए गए थे. 

पुणे कोर्ट ने क्यों कर दिया मुकदमा खारिज? 
ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाने के साथ ही US Burger King द्वारा आर्थिक क्षतिपूर्ति पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इसमें अमेरिकी कंपनी ने पुणे बर्गर किंग फूड ज्वाइंट के मालिक अनाहिता ईरानी और शापूर ईरानी के खिलाफ दायर मुकदमे में 20 लाख रुपये के मुआवजे की मांग भी की थी. 13 साल बाद बीते 16 अगस्त को Pune की जिला अदालत के न्यायाधीश सुनील वेदपाठक ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि पुणे का 'बर्गर किंग' अमेरिकी बर्गर कंपनी के भारत में दुकान खोलने से पहले से ही काम कर रहा था.

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सबूत पेश करने में नाकाम रही US की कंपनी
पीटीआई के मुताबिक, डिस्ट्रिक्ट जज ने अपने आदेश में कहा कि Burger King Corp लंबी चली सुनवाई के दौरान यह साबित करने में पूरी तरह से विफल रही है कि पुणे के बर्गर किंग (Pune Burger King) ने उसके ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया है. आदेश में आगे कहा गया कि बर्गर किंग कॉर्पोरेशन ने भारत में अपने ट्रेडमार्क बर्गर किंग आउटलेट्स के जरिए से सेवाएं देना साल 2014 में शुरू किया था, जबकि पुणे शहर में स्थित इस नाम का रेस्टोरेंट साल 1991-92 से सेवाएं दे रहा है. 

100 से ज्यादा देशों में फैसा बर्गर किंग का कारोबार
अदालत ने याचिका में की गई आर्थिक क्षतिपूर्ति की मांग पर कहा कि कंपनी के ट्रेडमार्क के उल्लंघन और उसे हुए आर्थिक नुकसान के बारे में कोई सबूत नहीं था, इसलिए कंपनी किसी भी नुकसान की भरपाई की हकदार नहीं है. आदेश में ये भी बताया गया है कि बर्गर किंग ने भारत में अपना पहला आउटलेट्स 9 नवंबर 2014 को नई दिल्ली में खोला गया था. गौरतलब है कि Burger King Corp की स्थापना साल 1954 में अमेरिका में की गई थी और ये दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अपना कारोबार कर रही है. बर्गर किंग में एशिया पहला आउटलेट साल 1982 में ओपन किया था और अब ये संख्या बढ़कर 1200 से ज्यादा हो गई है. 

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