घाटे में चल रही भारत संचार निगम लिमिटेड (BNSL) के लिए अच्छी खबर है. एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी वित्त वर्ष 2023-24 से प्रॉफिट में आ सकती है. एक संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. यह रिवाइवल पैकेज के तहत प्रस्तावित योजनाओं और रणनीतियों के लागू होने पर निर्भर करेगा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'बीएसएनएल ने कहा है कि उसे 2023-24 से प्रॉफिट में आने की उम्मीद है. यह रिवाइवल पैकेज के तहत प्रस्तावित लैंड एसेट्स को मॉनेटाइजेशन के साथ सेवाओं से पूर्ण रूप से राजस्व और नकदी प्रभाव पर निर्भर करेगा.'
2019 में मिली थी रिवाइवल पैकेज को मंजूरी
सरकार ने अक्टूबर 2019 में बीएसएनएल और एमटीएनएल (MTNL) को पटरी पर लाने की रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दे दी. इसमें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, 4जी स्पेक्ट्रम के लिए समर्थन, प्रमुख और गैर-प्रमुख संपत्तियों को बेचना या पट्टे पर देना, सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा पूंजी जुटाने के लिये बॉन्ड और एमटीएनएल और बीएसएनएल का अल्पकाल में विलय शामिल हैं.
BSNL और MTNL का विलय टला
31 जनवरी, 2020 तक BSNL और MTNL के करीब 92,956 कर्मचारी वीआरएस योजना के द्वारा रिटायरमेंट ले चुके हैं. सरकार ने वित्तीय कारणों से भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) के विलय को अब टाल दिया है. हालांकि BSNL और MTNL के बीच घनिष्ठ सहयोग और सेवा एकीकरण किया गया है.'
BSNL का खर्च घटा
रिपोर्ट के मुताबिक, BSNL का खर्च सालाना 34,400 करोड़ रुपये से कम होकर 24,687 करोड़ रुपये सालाना पर आ गया है. इसका मुख्य कारण वीआरएस (VRS) की वजह से कर्मचारियों को दिये जाने वाले लाभ मद में होने वाले खर्चे में कमी है. हालांकि 4जी सेवाएं शुरू नहीं किये जाने के कारण कंपनी का राजस्व नहीं बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार यह उम्मीद है कि 4जी सेवाएं शुरू होने के साथ वायरलेस खंड में बीएसएनएल का राजस्व बढ़ेगा.