देश में खुदरा महंगाई में अगस्त महीने में और कमी आई है. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में Consumer Price Index (CPI) आधारित महंगाई दर 5.30 फीसदी रही है. इसके पहले जुलाई में महंगाई दर 5.59% फीसदी थी. ये आंकड़ा सरकार के लिए राहत की बात है.
ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर 5.28 फीसदी, जबकि शहरी क्षेत्रों में 5.32 फीसदी रही. इस दौरान अनाज के दाम में 1.42 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इस दौरान फलों के दाम में 6.69 फीसदी की बढ़त हुई, जबकि सब्जियों के दाम में 11.68 फीसदी की भारी गिरावट आई.
खाद्य तेल के दाम में 33 फीसदी की भारी बढ़त
अगस्त महीने में खाद्य तेल के दाम में 33 फीसदी की भारी बढ़त दर्ज की गई. गौरतलब है कि इसके पहले देश की खुदरा महंगाई दर जुलाई में भी नीचे आई थी और अब ये भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तय दायरे के भीतर हो गई. खाने-पीने से जुड़ी कई जरूरी चीजों विशेषकर सब्जियों के दाम कम होने से आम आदमी की जेब को राहत मिली थी.
जुलाई में देश का रिटेल इन्फ्लेशन रेट (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित) 5.59% रहा, जबकि जून में यह 6.26% था. शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई जुलाई में 5.82% रही है जबकि ग्रामीण इलाकों में 5.49%. हालांकि ये जून में क्रमश: 6.37% और 6.16% थी.
RBI के तय दायरे में महंगाई
जुलाई में खुदरा महंगाई दर RBI के तय दायरे में थी. RBI की मौद्रिक नीति के हिसाब से देश में महंगाई दर 2 से 4 प्रतिशत के बीच रहनी चाहिए. इसमें 2 प्रतिशत ऊपर या नीचे रहने की छूट दी गई है. RBI अपनी मौद्रिक नीति तय करने में रिटेल इन्फ्लेशन को भी एक आधार मानता है. बीते सप्ताह मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान RBI ने 2021-22 में रिटेल इन्फ्लेशन रेट 5.7% रहने का अनुमान जताया है.