कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर लगाम लगाने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों ने स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाए हैं. CMIE की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है इन लॉकडाउन से अप्रैल में देश की बेरोजगारी दर मार्च की तुलना में बढ़ सकती है.
श्रम बाजार की हालत खस्ता
CMIE के मैनेजिंग डायरेक्टर महेश व्यास का कहना है कि श्रम से जुड़े आंकड़े दिखाते हैं कि अप्रैल 2021 में लेबर मार्केट की हालत कमजोर होगी. लेबर मार्केट के 3 बड़े साप्ताहिक और मासिक आंकड़े इस अनुमान को दर्शाते हैं. इनमें श्रम भागीदारी दर (LPR), रोजगार दर और बेरोजगार दर शामिल है.
हर हफ्ते बढ़ रही बेरोजगारी
महेश व्यास बताते हैं कि मार्च के आखिरी सप्ताह (28 मार्च को समाप्त) में बेरोजगारी दर 6.7% थी जो 4 अप्रैल को समाप्त अगले सप्ताह में ही बढ़कर 8.2% हो गई. इसी तरह 11 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में यह थोड़ी और बढ़कर 8.6% हो गई. अप्रैल के अंत में इसके 8% के आसपास रहने का अनुमान है जो पूरे मार्च के लिए 6.5% थी.
क्या होता है LPR, गिर सकता है अप्रैल में
अप्रैल में LPR के गिरने की भी संभावना है. LPR बाजार में कितने लोग रोजगार की तलाश में है, इसकी गणना करने वाले आंकड़े होते हैं. 30 दिन के आंकड़ों पर तैयार किया जाने वाला ये अनुपात दिखाता है कि 15 अप्रैल तक औसत LPR बढ़ रहा था जब यह 40.8% के उच्च स्तर तक पहुंच गया. अप्रैल के अंत में यह 40.2% पर जाकर ठहर सकता है.
रोजगार दर में हो रहा उतार-चढ़ाव
इसी तरह देश में रोजगार दर के अप्रैल में लगातार तीसरे महीने गिरावट आने की उम्मीद है. लॉकडाउन के बाद सितंबर 2020 में रोजगार दर 37.97% के उच्च स्तर पर पहुंची थी, उसके बाद लगातार तीन महीने इसमें गिरावट आई. बाद में जनवरी 2021 में इसमें फिर सुधार हुआ और ये 37.94% पर पहुंच गई. लेकिन उसके बाद से फरवरी और मार्च में इसमें लगातार गिरावट आ रही है और अप्रैल के इसमें 37% के आसपास ही रहने की संभावना है.
मार्च में ढूंढ रहे थे 4.3 करोड़ लोग रोजगार
मार्च 2021 में देश में करीब 4.38 करोड़ लोग रोजगार की तलाश में थे. अप्रैल में इसमें और बढ़ोत्तरी हो गई. अप्रैल में करीब 4.4 करोड़ लोग नौकरी की तलाश में हैं जो बेरोजगारी दर बढ़ने का संकेत है. इन 4.4 करोड़ में से 3.8 करोड़ लोग 15 से 29 साल के हैं.
www.businesstoday.in से इनपुट पर आधारित
और पढ़ें: