उम्र को थामे रखने की चाहत प्रकृति को चुनौती देने वाली जरूर है लेकिन बाजार ने इस मॉडर्न ट्रेंड को तेजी से लपक लिया है और अब भारत में भी एंटी एजिंग का दौर शुरू हो चुका है. ऐसे वर्किंग फील्ड जहां आपका फेस ही आपकी पहचान हो और आप 'क्या करते हैं' से ज्यादा 'कैसे दिखते हैं' अहमियत रखता हो, वहां इस ट्रेंड ने अपनी मजबूत पकड़ बना ली है.
जवां दिखने की सनक
हाल ही में 'कांटा लगा गर्ल' के नाम से मशहूर एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मौत की खबर आई और फिर यह बात सामने आई कि वह एंटी एजिंग दवाओं का इस्तेमाल कर रही थीं. उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई, लेकिन इसके पीछे की वजह अब तक साफ नहीं है. हालांकि वह एंटी एजिंग डोज पर थीं, इस बात को जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों ने कंफर्म किया है. इस संदर्भ में आपको बताते हैं कि आखिर किस तरह के ट्रीटमेंट और एंटी एजिंग प्रोडक्ट के जरिए बढ़ती उम्र को धीमा किया जा सकता है और कैसे यंग दिखा जा सकता है.
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बाजार में एंटी एजिंग के लिए अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स और ट्रीटमेंट मौजूद हैं. दवाओं से लेकर इंजेक्शन और सर्जरी के ऑप्शन जरिए कम उम्र का दिखने की कोशिश हो रही है. हाल ही में अरबपति ब्रायन जॉनसन का मामला सामने आया था, जिन्होंने अपना टोटल प्लाज्मा एक्सचेंज कराया है. वह 40 पार के हो चुके हैं, लेकिन 18 साल के युवक जैसे दिखते हैं. वह अपनी उम्र को थामे रखने के लिए हर रोज 40 से ज्यादा टेबलेट खाते हैं और एंटी एजिंग पर हर साल करीब 17 करोड़ रुपये खर्च करते हैं. यह एक अपवाद हो सकता है, क्योंकि हर किसी की जेब शायद ही इतनी बड़ी रकम खर्च करने की इजाजत न दे. लेकिन एंटी एजिंग के और भी सस्ते तरीके बाजार में मौजूद हैं.
दवाओं और इजेंक्शन से इलाज
किसी स्किन केयर सेंटर में जाकर बोटोक्स और फिलर्स ट्रीटमेंट आसानी से कराया जा सकता है, जो कि आपकी स्किन को ग्लोइंग बना सकता है. यह ट्रीटमेंट ज्यादा महंगा भी नहीं है और कुछ हजार रुपये खर्च कर लिया जा सकता है. स्किन से झुर्रियां हटाने, स्किन के स्पॉट को कम करने और स्किन टाइट करने के लिए ऐसे उपचार लिए जाते हैं. इसके बाद दवाओं का नंबर आता है, जिनमें कई तरह की टेबलेट और सप्लीमेंट्स बाजार में मौजूद हैं.
उम्र बढ़ते की गति को धीमा करने के लिए रीजेनरेटिव मेडिसिन का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा सेनोलिटिक मेडिसिन भी ली जाती हैं जिसके जरिए डैमेज हो चुकी कोशिकाओं को हटाकर बाकी सेल्स को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है. इसके साथ ही कई ऐसी कंपनियां है जो उम्र के साथ होने वाली बीमारियों को रोकने या उनके इलाज में काम आने वाली मेडिसिन बनाती हैं. शेफाली जरीवाला के मामले में कुछ ऐसा ही हुआ, वह दमकती त्वचा पाने के लिए मल्टीविटामिन और कोलेजन सप्लीमेंट्स ले रही थीं.
सर्जरी के जरिए भी होता है इलाज
इसके अलावा यह भी जानकारी सामने आई है कि शेफाली ग्लूटाथियोन इंजेक्शन ले रही थीं, जो कि बॉडी से मेलेनिन को कम करता है और स्किन को चमकदार बनाता है. एनएडी ड्रिप के जरिए भी कुछ लोग अपने एनर्जी लेवल को हाई रखते हैं, ये इंजेक्शन स्किन सेल को रिपेयर करने में मददगार हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं. कई ओरल सप्लीमेंट्स के जरिए भी बॉडी फैट को कम किया जाता है.
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एंटी एजिंग के लिए कई तरह की सर्जरी भी स्किन केयर सेंटर्स पर की जाती हैं. इनमें शरीर के अंगों के आकार को बदलने से लेकर उन्हें ग्लोइंग बनाना तक शामिल है. इसके लिए फेसलिफ्ट, फैट ग्राफ्टिंग और नेकलिफ्ट जैसे ट्रीटमेंट शामिल हैं, जो शरीर को जवान दिखने के लिए कराए जाते हैं. प्लास्टिक सर्जरी के तहत आने वाली राइनोप्लास्टी और फेशियल सर्जरी के जरिए भी एंटी एजिंग ट्रीटमेंट लिया जाता है.
देश मे कितना बड़ा है कारोबार
अगर भारत में एंटी एजिंग सर्विस के बिजनेस की बात करें तो मार्केट रिसर्च फ्यूचर (MRFR) के विश्लेषण के मुताबिक साल 2023 में देश में एंटी एजिंग सर्विस का मार्केट साइज 343.6 मिलियन डॉलर से ज्यादा रहने का अनुमान था. साथ ही 2024 में इसका अनुमानित साइज 400 मिलियन डॉलर था, जिसके 2035 तक बढ़कर 964 मिलियन डॉलर होने की उम्मीद है. इसे अगर भारतीय करंसी में बदलें तो यह रकम करीब 80 अरब रुपये हो जाती है. इससे समझा जा सकता है कि देश में एंटी एजिंग का ट्रेंड कितने तेजी के साथ बढ़ रहा है.
लगातार बढ़ते जवां दिखने के ट्रेंड और एंटी एजिंग सर्विस की मांग ने बाजार का फोकस इस खास सेक्टर की ओर मोड़ दिया है. भारत में तीस की उम्र के पार जाने वाली जेनरेशन यंग और फिट दिखने के लिए इस तरह के ट्रीटमेंट में अपनी रुचि दिखा रही है. ऐसे में न सिर्फ बोटॉक्स और फिलर्स बल्कि त्वचा को पुनर्जीवित करने वाले स्किन केयर सेंटर्स और क्लीनिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
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कोरोना महामारी के बाद जब से लोग खास तौर पर अपनी सेहत को लेकर ज्यादा सतर्क और जागरूक हो गए हैं, ऐसे बाजार के लिए एक अनुकूल माहौल पैदा हुआ है. यह मार्केट लगातार बड़ा हो जा रहा है क्योंकि मॉडर्न लाइफस्टाइल के साथ-साथ बढ़ते मिडिल क्लास की महत्वाकांक्षाएं इसे पंख देने के काम आ रही हैं. साथ ही सोशल मीडिया का असर भी सेक्टर के फलने-फूलने में मददगार है.