मैक्सिको (Mexico) ने भारत और चीन समेत तमाम एशियाई देशों पर टैरिफ 50 फीसदी बढ़ाने (50% Tariff) का ऐलान किया है. इसे लेकर भारत सरकार और भारतीय निर्यातकों को गहरी चिंता जताई है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की ओर से मैक्सिको द्वारा लगाए जाने वाले इस हाई टैरिफ के फैसले (Mexico Tariff On India) पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे लेकर बातचीत शुरू कर दी है. बता दें कि तमाम सामानों पर ये टैरिफ जनवरी की शुरुआत से लागू होने वाला है.
1 जनवरी से 50% Tariff, भारत की आपत्ति
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने मैक्सिको द्वारा हाल ही में विभिन्न प्रकार के उत्पादों पर आयात शुल्क में भारी वृद्धि करने के फैसले पर औपचारिक रूप से कड़ी आपत्ति जताई है. इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से साफ संकेत भी दिया गया है कि नई दिल्ली भारतीय निर्यातकों (Indian Exporter) की रक्षा के लिए उचित उपाय करने का अधिकार सुरक्षित रखती है.
Mexico 50% Tariff Hike भारत, चीन, साउथ कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया समेत उन सभी देशों से होने वाले आयात को टारगेट करता है, जिनका मैक्सिको के साथ कोई मुक्त व्यापार समझौता (FTA With Mexico) नहीं है. बीते 11 दिसंबर 2025 को मैक्सिकन कांग्रेस के दोनों सदनों में टैरिफ बढ़ाने के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी र यह 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी होने वाला है.
भारतीय निर्यातकों ने जताई चिंता
भारतीय निर्यातकों ने मैक्सिको के इस कदम पर चिंता जताई है, खासकर ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, मशीनरी, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑर्गेनिक केमिकल्स, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल और प्लास्टिक जैसे सेक्टर्स से, जिनके सामान बड़ी मात्रा में निर्यात किए जाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, एक सरकारी अधिकारी ने पुष्टि की है कि विधेयक के प्रारंभिक प्रस्ताव के बाद से ही भारत मैक्सिको के साथ बातचीत कर रहा है. वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल और मेक्सिको के अर्थव्यवस्था उप मंत्री लुइस रोसेंडो पहले ही एक उच्च स्तरीय बैठक कर चुके हैं और जल्द ही आगे की बैठकें होने की उम्मीद है.
52000 करोड़ से ज्यादा के निर्यात पर असर!
India-Mexico Trade के आंकड़ों पर नजर डालें, तो वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का मैक्सिको को निर्यात 8.90 अरब डॉलर या करीब 80,607 करोड़ रुपये से ज्यादा (India Export To Mexico) का था, जबकि मैक्सिको से आयात (India Import From Mexico) 2.9 अरब डॉलर का था. ऐसे में 1 जनवरी से अगर हाई टैरिफ लागू होता है, तो इस निर्यात पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है.
यही कारण है कि बातचीत जारी रहने के बावजूद, भारत ने इस घोषणा के एकतरफा स्वरूप पर चिंता जताई है. अधिकारी ने कहा कि पूर्व परामर्श के बिना मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) टैरिफ बढ़ाना सहयोगात्मक आर्थिक जुड़ाव की भावना और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के मूल सिद्धांतों के विपरीत है.
मैक्सिको ने क्यों लगाया टैरिफ?
मैक्सिको द्वारा इस टैरिफ हाइक के उद्देश्य पर नजर डालें, तो इस कदम का मुख्य उद्देश्य देश के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और व्यापार असंतुलन को कम करना बताया गया है. लेकिन, इस उपाय के तहत मेक्सिको लगभग 1,463 सामानों पर लागू टैरिफ पर लगभग 5% से लेकर 50% तक का आयात शुल्क लगाएगा. हालांकि, प्रभावित वस्तुओं की आधिकारिक सूची अभी जारी नहीं की गई है.