केंद्र सरकार 23 जुलाई को बजट 2024-25 पेश करेगी और इससे पहले PM Modi के नेतृत्व वाली सरकार ने देश का आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) संसद के पटल पर पेश कर दिया है. आर्थिक सर्वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दोपहर 12:10 बजे पेश किया. इस इकोनॉमिक सर्वे में सरकार का पूरा फोकस एग्रीकल्चर सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर और PPP पर रहा है. Modi 3.0 द्वारा पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण FY25 में भारत की जीडीपी को लेकर जिक्र किया गया. इसमें कहा गया कि देश की जीडीपी ग्रोथ (India GDP Growth) का अनुमान 6.5 से 7 फीसदी तक है.
यहां लग सकता है देश का झटका
Economic Survey में सरकार की ओर से जहां देश की GDP Growth अनुमान जाहिर किया गया, तो वहीं इस आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने एक बड़ी चुनौती का भी जिक्र किया है. सरकार का कहना है कि ग्लोबल चुनौतियां की वजह से एक्सपोर्ट के मोर्चे पर देश को थोड़ा झटका लग सकता है, लेकिन सरकार इसको लेकर भी पूरी तरह से सतर्क है. इसमें कहा गया है कि ग्लोबल बिजनेस में चुनौतियां पेश आने की आशंका है. दरअसल, ग्लोबल अनिश्चितता से कैपिटल फ्लो पर असर देखने को मिल सकता है.
रोजगार को लेकर पेश की ये तस्वीर
देश की इकोनॉमी की हेल्थ की पूरी तस्वीर पेश करने वाले इस Economic Survey में रोजगार को लेकर डाटा पेश किया गया है. इसमें कहा गया है कि जनसंख्या अनुपात में ग्रोथ के साथ कोरोना (Corona) महामारी के बाद से देश की सालाना बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की जा रही है. मार्च 2024 में 15+ आयु वर्ग के लिए शहरी बेरोजगारी दर पिछले वर्ष के 6.8% से घटकर 6.7% पर आ गई है.
इसमें कहा गया है कि भारत की कुल वर्कफोर्स में से करीब 57 फीसदी स्वरोजगार कर रही है. युवा बेरोजगारी दर 2017-18 में 17.8% से गिरकर 2022-23 में 10% पर आ गई है. सर्वे में ये भी कहा गया है कि नॉन एग्रीकल्चर सेक्टर में साल 2030 तक औसतन सालाना करीब 78.5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने की जरूरत है.
निजी निवेश की रफ्तार में तेजी का दिखा असर
सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर जोर दिए जाने और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट में लगातार आ रही तेजी के कारण Gross Foxed Capital Formation को बढ़ावा मिला है. इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, 2023-24 में इसमें 9 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
वित्तीय घाटे में कमी आने की उम्मीद
आर्थिक सर्वेक्षण में एक राहत भरी उम्मीद देख के वित्तीय घाटे को लेकर भी जताई गई है. इसमें अनुमान जताते हुए कहा गया है कि FY26 तक भारत का वित्तीय घाटा घटकर 4.5 फीसदी पर आने की संभावना है. इसमें कहा गया है कि सरकार का पूरा फोकस राज्यों की क्षमता बढ़ाने पर है.
आर्थिक सर्वेक्षण की ये बड़ी बातें
रियल जीडीपी ग्रोथ में जबरदस्त इजाफा
सर्वे में कहा गया है कि देश ने कोरोना महामारी के बाद तेजी से रिकवरी की है और इसके बाद India Real GDP ग्रोथ में तगड़ा उछाल आया है. आंकड़े पेश करते हुए सर्वे में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024 में भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2020 की तुलना में 20 फीसदी बढ़ी है.
बाजार में दिखाई दी है तगड़ी ग्रोथ
आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर गौर करें, तो इसमें शेयर बाजार को लेकर कहा गया है कि प्राइमरी मार्केट ने वित्त वर्ष 2024 में 10.9 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निर्माण किया, जबकि ये आंकड़ा वित्त वर्ष 2023 में 9.3 लाख करोड़ रुपये था. Stock Market का निफ्टी-50 इंडेक्स वित्त वर्ष 24 के दौरान 26.8 फीसदी की बढ़त में रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 8.2 फीसदी की गिरावट में था.