बिहार चुनाव के नतीजों का राष्ट्रीय जनता दल पर कई लेवल असर पड़ने वाला है. इस चुनाव में आरजेडी ने सबसे ज्यादा 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इन 143 सीटों में पार्टी मात्र 25 सीटें ही जीत पाई. इसका नतीजा ये हो सकता है कि तीन दशकों में पहली बार ऐसा होगा कि 2030 आते आते राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल का एक भी सांसद नहीं बचा होगा.
2030 में जब बिहार विधानसभा के चुनाव होंगे तो आरजेडी के कम विधायकों की वजह से देश के ऊपरी सदन राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल का एक भी सांसद नहीं होगा. अगर ओवैसी की पार्टी AIMIM तब आरजेडी को सपोर्ट भी करेगी तो भी आरजेडी के लिए उच्च सदन में अपना सांसद भेजना मुश्किल होगा.
हालांकि बिहार में इस बार आरजेडी और AIMIM अलग अलग चुनाव लड़े हैं और कई सीटों पर दोनों ने एक दूसरे के कैंडिडेट को हराया है.
राष्ट्रीय जनता दल के 5 सांसद अभी राज्यसभा में हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जैसे जैसे इन सांसदों का टर्म पूरा होता जाएगा आरजेडी की मौजूदगी राज्यसभा में घटती जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार जब 2026 और 2028 में राज्यसभा में खाली हुई सीटों के लिए चुनाव होगा तो इस विधानसभा चुनाव में 5 सीटें पाने वाली AIMIM के समर्थन के बावजूद आरजेडी के लिए सीट जीतना आसान नहीं होगा.
वहीं 2030 राज्यसभा के लिए होने वाले चुनाव में अगर AIMIM आरजेडी को सपोर्ट करती है तो लालू यादव की पार्टी किसी तरह से अपनी एक सीट बचा सकती है. लेकिन इसकी संभावना कम ही मालूम पड़ती है. क्योंकि राज्यसभा चुनाव के दौरान छोटी पार्टियां उस समय की राजनीतिक सुविधा, समीकरण और अपने फायदे के हिसाब से मतदान करती है.
अभी राष्ट्रीय जनता के जो पांच सांसद राज्यसभा में हैं उनमें से सदन में पार्टी के नेता प्रेमचंद गुप्ता और एडी सिंह अप्रैल 2026 में रिटायर हो जाएंगे. तीसरे सांसद फयाज अहमद जुलाई 2028 में रिटायर होंगे.
जबकि दो बचे सांसद मनोज कुमार झा और सजंय यादव अप्रैल 2030 में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे.
अगर अप्रैल 2030 से पहले तक राष्ट्रीय जनता दल के किसी राज्य के विधानसभा चुनाव में इतने विधायक नहीं जीतते हैं कि वह राज्यसभा में कम से कम अपना एक सांसद जिता सके तो अप्रैल 2030 के बाद राज्यसभ में आरजेडी का एक भी सांसद नहीं रह जाएगा.
2026 में बिहार से खाली हो रहे 5 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान होगा. इसमें दो सीटें जेडीयू के पास है और एक राष्ट्रीय लोक मोर्चा के पास है. ये दोनों ही पार्टियां एनडीए का हिस्सा हैं. अब नई बिहार विधानसभा का शक्ति संतुलन ऐसा है कि एनडीए इन पांचों सीटों पर जीत हासिल कर लेगा.
इसी प्रकार 2028 में राज्यसभा के 5 सदस्य रिटायर होंगे. इनमें तीन बीजेपी के, एक जेडीयू और एक आरजेडी के होंगे. तब ये पांचों सीटें भी एनडीए के खाते में जाएगी.