बिहार सरकार के स्वास्थ विभाग ने राज्य को फाइलेरिया से मुक्त करने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्टेशन (MDA) कार्यक्रम की शुरुआत की है. कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के स्वास्थ विभाग के मंत्री मंगल पांडे ने किया. इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को, तेजी से अभियान चलाकर 2027 तक पूरे राज्य को फाइलेरिया मुक्त करने का निर्देश दिया गया है.
इसके लिए बिहार के 13 जिलों मे 3 करोड़ लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है. कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने आज तक से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि आज हम लोगों ने MDA कार्यक्रम का उद्घाटन किया है.
3 करोड़ लोगों को पिलाई जाएगी दवा
मंगल पांडे ने कहा कि इस कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार से पूरे प्रदेश में शुरू हो जाएगी. फिलहाल 13 जिलों से इसकी शुरुआत होगी. तीन करोड़ लोगों को हम लोग यह दवा खिलाने जा रहे हैं. बिहार को पूरी तरह फाइलेरिया से हम लोग मुक्ति दिला करके ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने 2027 तक बिहार को फाइलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और अन्य टीम पूरी तरह एक्टिव होकर काम करेगी.
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स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा की 2027 तक तो फाइलेरिया को मुक्त बनाने का लक्ष्य है ही. साथ ही फाइलेरिया के अंदर आने वाली हाइड्रोसील की बीमारी को भी 2025 के फरवरी तक खत्म करने की हमारी तैयारी चल रही है.
दवा के माइनर साइड इफेक्ट्स
इस अभियान में शामिल डॉक्टर सुभाष ने कहा कि इस दवा को 2 साल से ऊपर के सभी लोग खा सकते हैं. इस दवा के माइनर साइड इफेक्ट्स है. इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. उनके शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु जितने जाएंगे, उतने ही इसके साइड इफेक्ट्स होंगे इसकी अवधि महज एक घंटे की होगी.