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सम्राट चौधरी क्या इस बार भी बनेंगे डिप्टी CM? बिहार में पिछले तीन बार से बीजेपी हर बार बदलती रही है चेहरा

बिहार में नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बनना तय है, लेकिन डिप्टी सीएम पर तस्वीर साफ नहीं है. बीजेपी क्या सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी सीएम पद पर बनाए रखेगी या फिर नई लीडरशिप के साथ आगे बढ़ेगी?

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सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को बीजेपी बनाएगी डिप्टीसीएम (Photo-PTI)
सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को बीजेपी बनाएगी डिप्टीसीएम (Photo-PTI)

बिहार में अब सरकार गठन की तैयारी ज़ोर-शोर से शुरू हो गई है। बीजेपी और जेडीयू के विधायक दल की बैठक बुधवार को है. विधायक दल के नेता चुनने के लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पर्यवेक्षक बनाया है. नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा है, जिस पर दोपहर तक मुहर लग जाएगी.

एनडीए के विधायक दल की संयुक्त बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुना जा सकता है. इसके बाद गुरुवार को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम रखा गया है. सीएम चेहरे पर लगभग तस्वीर साफ है, लेकिन बीजेपी से डिप्टी सीएम कौन बनेगा, यह बात अभी तय नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को क्या फिर एक बार डिप्टी सीएम बनाए रखेगी?

बिहार में बीजेपी अपने डिप्टी सीएम को बदलती रही है. इस पैटर्न के चलते सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा पर संशय गहरा गया है, लेकिन अमित शाह ने चुनाव के दौरान सम्राट चौधरी को बड़ा आदमी बनाने का वादा किया था. नीतीश कुमार के साथ सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के नेतृत्व में एनडीए को ऐतिहासिक जीत मिली है. ऐसे में क्या बीजेपी इस तिकड़ी को बनाए रखेगी या फिर बदलाव करेगी?

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बीजेपी किसे बनाएगी डिप्टी सीएम?

बिहार की नई सरकार में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री का फॉर्मूला बना रहेगा. नीतीश कुमार जब से बिहार की सत्ता में आए हैं, तब से डिप्टी सीएम बनाने की परंपरा चली आ रही है. 2005 में नीतीश कुमार सीएम बने थे तो सुशील मोदी बीजेपी कोटे से डिप्टी सीएम बने थेय इसके बाद से डिप्टी सीएम बनाने की कवायद जारी है.

नीतीश कुमार को एनडीए का नेता चुना जाता है तो बीजेपी कोटे से डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. ऐसे में बीजेपी अपने किस नेता को डिप्टी सीएम बनाती है, यह देखना होगा?

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बीजेपी कोटे से फिलहाल सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा डिप्टी सीएम हैं. बीजेपी के ये दोनों ही नेता विधानसभा चुनाव जीतकर आए हैं. तारापुर से सम्राट चौधरी विधायक बने हैं तो लखीसराय सीट से विजय कुमार सिन्हा विधानसभा पहुंचे हैं. ऐसे में बीजेपी क्या अपने इन्हीं दोनों नेताओं के साथ आगे बढ़ेगी या फिर किसी नए चेहरे पर मुहर लगाएगी. इसे लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

बीजेपी का पैटर्न क्या संदेश दे रहा?

बिहार में नीतीश कुमार और सुशील मोदी की जोड़ी 2005 से 2013 तक रही. नीतीश सीएम और सुशील मोदी डिप्टी सीएम बने थे. इसके बाद नीतीश आरजेडी के साथ चले गए थे, लेकिन 2017 में दोबारा एनडीए में वापसी की.  बीजेपी ने नीतीश को सीएम तो सुशील मोदी को डिप्टी सीएम की कुर्सी सौंपी, लेकिन इसके बाद से गेम बदल गया.

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2020 में बीजेपी बिहार में जेडीयू से बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी सौंप दी, लेकिन अपने लिए डिप्टी सीएम पद लिए। ऐसे में बीजेपी ने सुशील मोदी की जगह तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को डिप्टी सीएम बनाया. नवंबर 2020 से लेकर अगस्त 2022 तक यह सियासी केमिस्ट्री बनी रही, लेकिन नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ चले गए.

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महागठबंधन के साथ नीतीश कुमार की दोस्ती बहुत दिन नहीं चली, जनवरी 2024 में दोबारा एनडीए में वापसी कर गए. बीजेपी ने नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी सौंप दी, लेकिन अपने कोटे के डिप्टी सीएम का चेहरा बदल दिया. बीजेपी ने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी की जगह पर सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी सीएम बनाया.

इस तरह बीजेपी अपना डिप्टी सीएम बदलती रही है, जिसके चलते सवाल उठ रहा है कि सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा पर भरोसा जताएगी या फिर किसी नए चेहरे पर दांव खेलेगी? इस पर अलग-अलग तरीके से कयास लगाए जा रहे हैं.

बीजेपी का क्या होगा डिप्टी सीएम फॉर्मूला?

बिहार के उपमुख्यमंत्री के लिए अलग-अलग फॉर्मूले की चर्चा चल रही है. बिहार में इस बार जिस तरह से जीत मिली है, उसका श्रेय अगर मौजूदा सत्ता पर आसीन अपने दो शीर्ष नेताओं को देती है तो उस लिहाज़ से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के सिर फिर ताज सजेगाय़

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बीजेपी ने अपने इन दोनों नेताओं के सहारे गैर-यादव ओबीसी और सवर्ण राजनीति को साधने का दांव चला था. अमित शाह ने जिस तरह सम्राट चौधरी को बड़ा नेता बनाने का ऐलान किया था, उसके लिहाज से सम्राट की कुर्सी पक्की मानी जा रही है.  

बीजेपी अगर डिप्टी सीएम बदलने वाले पैटर्न को लागू करती है तो नई लीडरशिप के लिहाज़ से भी अपना नेता चुनेगी. सम्राट चौधरी को लेकर विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने कई गंभीर आरोप लगाए थे. इस लिहाज़ से बीजेपी अगर उन्हें ड्रॉप करती है तो फिर नए नेता को चुनेगी.

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बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को जिस तरह से सवर्ण के साथ-साथ ओबीसी और ईबीसी वर्ग के वोट मिले हैं, उसे देखते हुए डिप्टी सीएम का पद उन्हीं समाज से चुन सकती है. बिहार में बीजेपी अपने सियासी समीकरण को मजबूत करने की दिशा में जुटी है.

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत में महिला वोटर अहम फैक्टर रहे हैं. बीजेपी ने 2020 में तारकिशोर के साथ रेणु देवी के रूप में एक महिला को डिप्टी सीएम बनाया था. ऐसे में बीजेपी एक बार फिर अपने किसी महिला विधायक को डिप्टी सीएम बनाने का दांव चल सकती है. बीजेपी बिहार में जातीय समीकरण को संतुलित करने और भविष्य की राजनीतिक योजनाओं को ध्यान में रखते हुए अपने नेता का चुनाव करेगी.

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