पाकिस्तान और ईरान के संयुक्त बयान में कश्मीर का जिक्र, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की पाकिस्तान यात्रा के आखिरी दिन दोनों देशों की ओर से जारी किए गए संयुक्त बयान में कश्मीर का उल्लेख किया गया. बयान में कहा गया कि पाकिस्तान और ईरान के बीच सहमति बनी है कि कश्मीर मुद्दे को इस क्षेत्र के लोगों की इच्छा के अनुरूप शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 8:25 AM IST

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ibrahim Raisi) का पाकिस्तान का तीन दिवसीय दौरा चर्चा में रहा. इजरायल और ईरान तनाव के बीच इस दौरे को काफी अहम माना गया. इस दौरे के आखिरी दिन पाकिस्तान और ईरान ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें कश्मीर का जिक्र किया गया.

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की पाकिस्तान यात्रा के आखिरी दिन दोनों देशों की ओर से जारी किए गए संयुक्त बयान में कश्मीर का उल्लेख किया गया. बयान में कहा गया कि पाकिस्तान और ईरान के बीच सहमति बनी है कि कश्मीर मुद्दे को इस क्षेत्र के लोगों की इच्छा के अनुरूप शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए.

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बयान में कहा गया कि क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों के मद्देनजर दोनों पक्षों ने बातचीत और डिप्लोमेसी के जरिए कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के महत्व पर जोर दिया है. क्षेत्र के लोगों की इच्छा और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर कश्मीर के मुद्दे का शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए समाधान करने की जरूरत है. 

इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहे हैं. किसी अन्य देश को इस पर टिप्पणी करने का कोई आधार नहीं है. कश्मीर मुद्दे पर भारत पहले भी इस तरह के बयानों को खारिज करता रहा है. 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को ईरान के राष्ट्रपति से बातचीत के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कश्मीर का मुद्दा उठाया था और कश्मीर मुद्दे पर ईरान के रुख के लिए उसका आभार जताया था. लेकिन रईसी ने कश्मीर पर प्रत्यक्ष तौर पर कुछ नहीं कहा था. 

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बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आमंत्रण पर ईरान के राष्ट्रपति रईसी 22 से 24 अप्रैल तक पाकिस्तान के दौरे पर थे. इस दौरान उनके साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी था, जिसमें विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन और कैबिनेट के अन्य वरिष्ठ मंत्री भी थे. 

कैसे हैं भारत और ईरान के संबंध?

भारत और ईरान के बीच लंबे समय से राजनयिक और व्यापारिक संबंध रहे हैं. गाजापट्टी पर इजरायली हमले के दौरान भारत और ईरान के बीच कई दौर की बातचीत हुई थी. भारतीय दूतावास कह चुका है कि भारत और ईरान के बीच सदियों पुराना लंबे संबंधों का इतिहास रहा है. हमारे पुराने और मौजूदा संबंध दोनों देशों के ऐतिहासिक और सभ्यताओं के संबंधों की ताकत पर आधारित हैं और लगातार आगे बढ़ते रहे हैं. 

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