अमेरिकी विदेश मंत्री के सामने रूस से तेल खरीद पर जयशंकर की दो टूक

भारत ने रूस से तेल खरीद का बचाव किया है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टू प्लस टू वार्ता के दौरान कहा है कि भारत रूस से जितना तेल महीने भर में नहीं खरीदता, उससे अधिक तेल यूरोप रूस से एक दिन में खरीद लेता है. उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए थोड़ी मात्रा में तेल आयात करता है.

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एस जयशंकर ने रूस से तेल आयात के सवाल का जवाब दिया है (Photo- PTI) एस जयशंकर ने रूस से तेल आयात के सवाल का जवाब दिया है (Photo- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST
  • रूस से तेल आयात पर बोले भारतीय विदेश मंत्री
  • भारत के तेल आयात और यूरोप के तेल आयात की तुलना की
  • कहा- जितना एक दिन में यूरोप खरीदता है, हम महीने भर में नहीं खरीदते

रूस से तेल की खरीद पर चल रही बहस के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिका में 2+2 की बैठक में भारत के रुख को सही ठहराया. एस जयशंकर ने कहा कि यूरोप जितना तेल एक दिन में रूस खरीदता है, भारत रूस से एक महीने में भी उतना तेल नहीं खरीदता. 

2+2 की वार्ता के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब भारतीय विदेश मंत्री से भारत की रूस से तेल खरीद पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'यदि आप रूस से भारत की ऊर्जा खरीद पर बात करना चाहते हैं तो मेरा सुझाव है कि आपको यूरोप पर ध्यान देना चाहिए. हम अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी ऊर्जा को थोड़ी मात्रा में वहां से आयात करते हैं. लेकिन आप आंकड़ों को देखिए, हम जितना एक महीने में रूस से तेल नहीं खरीदते, उससे कहीं अधिक तेल यूरोप एक दिन में खरीदता है.'

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अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के समक्ष अपनी बात रखते हुए जयशंकर ने कहा कि हम रूस-यूक्रेन संघर्ष के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, 'हम हिंसा को तत्काल समाप्त करने के पक्ष में हैं और इस क्रम में हर तरह का सहयोग देने को तैयार हैं. हम चाहते हैं कि मसले को कूटनीति के जरिए सुलझाया जाए. हिंसा को तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए. जैसा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया, हमने इस संघर्ष को लेकर हमारी संसद और अन्य मंचों पर कई बयान दिए हैं जो हमारी स्थिति को बताते हैं.'

पिछले हफ्ते, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने भी एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि भारत का रूस से तेल आयात महज 1-2 प्रतिशत है. राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से कहा गया था कि रूस पर दबाव बनाने के लिए तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने का किसी देश का फैसला व्यक्तिगत निर्णय है.

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2+2 वार्ता के दौरान ब्लिंकन ने भी जोर देकर कहा कि भारत को यूक्रेन संकट से निपटने के तरीके के बारे में अपने निर्णय खुद लेने होंगे. उन्होंने कहा, 'हम स्वतंत्रता, खुलेपन, संप्रभुता जैसे मूल्यों को साझा करते हैं. रूस के साथ भारत के संबंध दशकों में विकसित हुए हैं. ये संबंध उस वक्त विकसित हुए हैं जब अमेरिका भारत का भागीदार बनने में सक्षम नहीं था. लेकिन आज हम भारत का भागीदार बनने में सक्षम हैं और इच्छुक भी.'

उन्होंने आगे कहा, 'हमारा मानना है... ये जरूरी है कि जो देश रूस से लाभ उठा रहे हैं, वो पुतिन पर युद्ध खत्म करने का दबाव बनाएं. हमें एक साथ आकर एक आवाज में बोलने की जरूरत है.'


'भारत के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है'

यूक्रेन पर आक्रमण के बीच भी भारत ने रूस से तेल का आयात करना जारी रखा है जिसे लेकर अमेरिका सहित कई देश भारत की आलोचना कर रहे हैं. इसे लेकर कुछ समय पहले एस जयशंकर ने ये भी कहा था कि रूस से तेल सभी यूरोपीय देश खरीद रहे हैं लेकिन नाम बस भारत का लिया जा रहा है, भारत के खिलाफ एक अभियान चलाया जा रहा है. 

उन्होंने कहा था, 'ये दिलचस्प है क्योंकि हम कुछ समय से देख रहे हैं कि इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ एक अभियान जैसा चलाया जा रहा है. मैं आज एक रिपोर्ट पढ़ रहा था कि मार्च में, यूरोप ने रूस से पिछले महीने की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक तेल और गैस खरीदा है.' 

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