गवर्नर का मालदा और NCW का मुर्शिदाबाद दौरा, हिंसा पर चौतरफा घिरीं ममता बनर्जी की बढ़ेंगी मुश्किलें?

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस शुक्रवार को सीएम ममता बनर्जी की एक ना सुनकर मालदा पहुंच गए. राज्यपाल के पीछे-पीछे राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम भी मालदा और मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा का मुआयना करने पहुंच गई. इतना ही नहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम भी मुर्शिदाबाद में हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा कर रही है.

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बंगाल के गवर्नर ने मालदा का दौरा किया बंगाल के गवर्नर ने मालदा का दौरा किया

आजतक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:05 AM IST

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा के बाद ममता बनर्जी चौतरफा घिरती नज़र आ रही हैं. क्योंकि वक्फ कानून पर मुर्शिदाबाद में ऐसी हिंसा हुई कि 500 लोगों का पलायन हो गया. बीजेपी और ममता बनर्जी के बीच इसी पर टक्कर चल रही है. इस बीच पश्चिम बंगाल के गवर्नर और राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम मालदा और मुर्शिदाबाद के हिंसाग्रस्त इलाकों में पहुंची. दोनों ही रिपोर्ट तैयार करने की बात कह रहे हैं. 

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सवाल ये है कि क्या रिपोर्ट में खामियां मिलने पर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन संभव है? सवाल ये भी है कि ममता बनर्जी ने राज्यपाल से अनुरोध किया था कि वो मुर्शिदाबाद ना जाएं, इसके बाद भी गवर्नर सीवी आनंद बोस मालदा और मुर्शिदाबाद का दौरा क्यों कर रहे हैं? क्या राज्यपाल के हिंसाग्रस्त इलाकों के दौरे से ममता बनर्जी को किसी बात का खतरा नज़र आ रहा है? क्या मुर्शिदाबाद हिंसा का कोई ऐसा सच है, जो ममता बनर्जी छुपा रही हैं और इसलिए उन्होंने कहा कि इस समय कोई मुर्शिदाबाद ना जाए, सिवाय वहां के रहने वालों के. अब ये समझने की कोशिश करते हैं कि मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा पर पश्चिम बंगाल में आगे क्या होगा?

मालदा में हिंसा पीड़ितों से मिले गवर्नर

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस शुक्रवार को सीएम ममता बनर्जी की एक ना सुनकर मालदा पहुंच गए. राज्यपाल के पीछे-पीछे राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम भी मालदा और मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा का मुआयना करने पहुंच गई. इतना ही नहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम भी मुर्शिदाबाद में हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा कर रही है.

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पीड़ितों से मिलकर क्या बोले राज्यपाल?

राज्यपाल बोस ने कहा कि मैंने शिविर में रह रहे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. मैंने उनसे विस्तृत चर्चा की. मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और उनकी भावनाओं को समझा. उन्होंने मुझे यह भी बताया कि वे क्या चाहते हैं, निश्चित रूप से, सक्रिय कार्रवाई की जाएगी. राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं ने बताया कि उन्हें धमकाया गया, बदमाश उनके घरों में घुस आए और उनके साथ मारपीट की गई. अपशब्दों का प्रयोग किया गया.

ममता ने राज्यपाल से की मुर्शिदाबाद नहीं जाने की अपील

राज्यपाल के मुर्शिदाबाद दौरे को लेकर ममता बनर्जी ने उन्हें रोकने की कोशिश की. ममता ने कहा कि 'मैं गैर-स्थानीय लोगों से अनुरोध करूंगी कि वो अभी मुर्शिदाबाद का दौरा न करें. राज्यपाल से कुछ और दिन प्रतीक्षा करने की अपील करूंगी. स्थिति सामान्य हो रही है, मैंने स्वयं प्रभावित इलाकों का फिलहाल दौरा नहीं करने का निर्णय लिया है. लेकिन राज्यपाल सीवी आनंद बोस, ना सिर्फ ममता बनर्जी की अपील ठुकरा देते हैं और ये भी कहते हैं कि ये उनका कर्तव्य है. हिंसाग्रस्त इलाकों का जायज़ा लेना, राहत शिविरों में रह रहे पीड़ितों का हाल-चाल जानना. मुर्शिदाबाद में कानून व्यवस्था को देखना. हिंसा की जड़ों तक पहुंचना है और वो इस पर अपनी एक रिपोर्ट तैयार करके, केंद्र सरकार को भेजने की बात भी कहते हैं.

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वक्फ कानून पर महाभारत का कुरुक्षेत्र बना मुर्शिदाबाद  

बता दें कि वक्फ कानून को लेकर सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक में हलचल है. पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद तो महाभारत का कुरुक्षेत्र बन चुका है. हालांकि, बीएसफ ने मोर्चा संभाल लिया है. ममता बनर्जी दावा कर रही हैं कि अब सब शांति है, लेकिन राज्यपाल सीवी आनंद बोस और राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम कहती है वो खुद ज़मीनी हालात को समझेंगे. और खुद आंखों देखी रिपोर्ट तैयार करेंगे. ऐसे में सवाल ये है कि इससे क्या होगा? 

बीजेपी कर रही राष्ट्रपति शासन की मांग

बंगाल में हिंसा के बाद बिगड़ते हालात को लेकर, बीजेपी राष्ट्रपति शासन की मांग करती रही है और मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद भी बीजेपी ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाकर चुनाव कराने की मांग की थी और राज्यपाल सीवी बोस भी संकेत दे रहे हैं कि जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति शासन का विकल्प हमेशा खुला है.

मुर्शिदाबाद हिंसा की पूरी टाइमलाइन 

- 8 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़की 
- 9 अप्रैल को ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में वक्फ कानून लागू नहीं होगा 
- 10 अप्रैल को हिंसा फैलाने के लिए 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया 
- 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में विरोध हिंसक हुआ
- 12 अप्रैल को हिंसक भीड़ ने पिता-बेटे की पीट-पीटकर हत्या की, हिंसा में 3 की मौत हो गई 
 - 13 अप्रैल को धुलियान से 500 लोगों के पलायन की खबर आई 
- 14 अप्रैल को 24 परगना में पुलिस की गाड़ियां जलाईं गईं 
- 15 अप्रैल को हिंसा में बांग्लादेशी कनेक्शन सामने आया 
- 16 अप्रैल को CM ममता ने इमामों और मौलानाओं के साथ बैठक की 
- 17 अप्रैल को ममता सरकार ने हिंसा पर रिपोर्ट पेश की 

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ममता सरकार ने हिंसा पर अपनी रिपोर्ट पेश की

इतना बवाल होने के बाद, कलकत्ता हाईकोर्ट में ममता सरकार ने हिंसा पर अपनी रिपोर्ट पेश की, सरकार ने दावा किया कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति अब नियंत्रण में हैं, लेकिन हाईकोर्ट ने ये मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने का आदेश सुरक्षित रखा और ये भी चेतावनी दे दी कि कोई भी भड़काऊ बयानबाज़ी ना करे.

मुर्शिदाबाद हिंसा बनेगी ममता के लिए फांस?

वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. ममता बनर्जी ने कहा कि दंगे हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख या जैन नहीं कराते हैं. दंगे कुछ अपराधी कराते हैं. आजकल पैसे से बहुत कुछ हो सकता है, ऐसी स्थिति में आपको कुछ अच्छे लोग मिलेंगे, और कुछ नेता ऐसे भी होंगे जो अच्छे बनकर मुसीबत खड़ी करेंगे. तो क्या ममता समझ रही हैं कि मुर्शिदाबाद की हिंसा, अब उनके लिए फांस बन सकती है. 

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