चंद्रमा की सतह पर कैसे काम करेगा ऑस्ट्रेलिया का मून मिशन, देखिए Video

Australia भी 2026 में अपना मून मिशन भेजने वाला है. इसके लिए वह नासा के अर्टेमिस मिशन का सहारा लेगा. यह रोवर चांद की सतह पर मिट्टी की जांच करेगा. जिसे रिगोलिथ कहते हैं. यह उस मिट्टी के सैंपल की जांच करके ऑक्सीजन के लेवल का पता करेगा.

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ऑस्ट्रेलिया का मून रोवर चांद की सतह से मिट्टी की जांच करेगा. (सभी फोटोः ASA) ऑस्ट्रेलिया का मून रोवर चांद की सतह से मिट्टी की जांच करेगा. (सभी फोटोः ASA)

aajtak.in

  • मेलबर्न,
  • 07 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST

साल 2026 में Australia अपना मून मिशन भेजेगा. ऑस्ट्रेलियन स्पेस एजेंसी (ASA) अपने रोवर को NASA के Artemis मून मिशन के साथ भेजेगी. यह एक रोबोटिक रोवर होगा. जो चांद की सतह पर मिट्टी यानी उसके रिगोलिथ की जांच-पड़ताल करेगा. रोवर को खुद ऑस्ट्रेलिया बनाएगा.  

यहां देखिए Video

ऑस्ट्रेलिया पूरी दुनिया में अपने रिमोट कम्यूनिकेशन सिस्टम के लिए जाना जाता है. इसलिए वह रोवर से डायरेक्ट कम्यूनिकेशन बिठाने का प्रयास भी करेगा. ऑस्ट्रेलिया की स्पेस एजेंसी 1957 से सक्रिय है. उसने नील ऑर्मस्ट्रॉन्ग के अपोलो-11 मिशन में भी मदद की थी. इसके लिए उसने हनीसकल क्रीक ट्रैकिंग स्टेशन बनाया था. 

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इस रोवर को एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी SpaceX के स्टारशिप या फॉल्कन हैवी रॉकेट से चांद पर भेजा जाएगा. मिट्टी का सैंपल लेने के बाद नासा इस सैंपल से Oxygen निकालने का प्रयास करेगा. ताकि भविष्य में चांद पर जब इंसान रहे तो वहां कि मिट्टी से ऑक्सीजन निकाला जा सके. उसका इस्तेमाल किया जा सके. 

नासा की ये है प्लानिंग

NASA इस दशक के खत्म होने तक चांद पर स्थाई इंसानी बस्ती बनाना चाहता है. यहां जो भी स्टडी की जाएगी. उसका इस्तेमाल बाद में मंगल पर इंसानी मिशन भेजने के समय किया जाएगा. नासा ने पिछले साल अपना अर्टेमिस-1 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया था. अब नासा अर्टेमिस-2 मिशन में चार एस्ट्रोनॉट्स को चांद पर भेजना चाहती है. इस मिशन के लॉन्चिंग की संभावना अगले साल के अंत तक है. 

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इसके बाद अर्टेमिस-3 शुरू होगा. जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाएगा. यह मिशन 2025 या 2026 के अंत तक संभव हो सकता है. नासा इस समय कई अंतरराष्ट्रीय समझौते और पार्टनरशिप कर रहा है. इस मिशन में उसने भारत को भी शामिल किया है. इस मिशन में यूरोपियन स्पेस एजेंसी अपना ओरियन सर्विस मॉड्यूल दे रहा है. SpaceX अपने नेक्स्ट जेनरेशन स्टारशिप रॉकेट देगा. 

ये मून मिशन और जाने वाले हैं भविष्य में

अमेरिकाः कॉमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेस (Commercial Lunar Payload Services - CLPS) और लूनर ट्रेलब्लेजर (Lunar Trailblazer) मिशन. लूनर ट्रेल ब्लेजर एक ऑर्बिटर है जो चांद के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए सतह पर पानी, उसके स्वरूप और कहां मौजूद है, इसकी जांच करेगा.

अमेरिका 2024 में ही VIPER रोवर भेजेगा. यह चांद के अंधेरे वाले हिस्से में और दक्षिणी ध्रुव पर संसाधनों की खोज करेगा.

2025 में नासा Artemis 2 लैंडर को चांद पर उतारेगा. इंसान को 50 साल बाद पहली बार चांद की सतह पर उतारा जाएगा. अर्टेमिस-1 मिशन सफल हो चुका है. 

इजरायलः 2024 में बेरेशीट 2 लॉन्च हो रहा है. इसमें दो लैंडर और एक ऑर्बिटर होगा. ऑर्बिटर मदरशिप होगा. लैंडर चांद के दो अलग-अलग हिस्सों में उतारे जाएंगे. 

चीनः चीन 2024 से 2027 के बीच अपना चांगई-6, 7 और 8 मिशन भेजेगा.

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जापानः  2024 में हाकुतो-2 (Hakuto-2) और 2025 में हाकुतो-3 (Hakuto-3) मिशन भेजेगा. ये दोनों लैंडर-ऑर्बिटर मिशन होंगे.

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