पश्चिम बंगाल में अब NIA की टीम पर हमला, TMC नेता के घर रेड के दौरान भीड़ ने की पत्थरबाजी

एनआईए अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के घर पर 2022 में हुए विस्फोट मामले की जांच के लिए वहां पहुंचे थे, तभी उग्र भीड़ ने उनकी कार पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. एनआईए टीम की ओर से मनबेंद्र जाना और अज्ञात के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. एनआईए अधिकारी मनबेंद्र जाना को ही गिरफ्तार करने मौके पर पहुंचे थे.

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पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में एनआईए की टीम पर हमला. (File Photo) पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में एनआईए की टीम पर हमला. (File Photo)

सूर्याग्नि रॉय

  • कोलकाता,
  • 06 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 11:28 AM IST

पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के भूपतिनगर में शनिवार सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम पर हमला हो गया. एनआईए अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के घर पर 2022 में हुए विस्फोट मामले की जांच के लिए वहां पहुंचे थे, तभी उग्र भीड़ ने उनकी कार पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे गाड़ी की विंडस्क्रीन क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार एक अधिकारी घायल हो गया.

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यह घटना सुबह करीब 5.30 बजे की है. एनआईए टीम की ओर से मनबेंद्र जाना और अज्ञात के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. एनआईए अधिकारी मोनोब्रोतो जाना को ही गिरफ्तार करने मौके पर पहुंचे थे.  एनआईए सूत्र ने बताया कि छापेमारी से पहले केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचित किया गया था, फिर भी उचित सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई. घटना के संबंध में एनआईए द्वारा स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक आधिकारिक शिकायत दर्ज की गई है.

एनआईए अधिकारी द्वारा दायर शिकायत के आधार पर, भूपतिनगर पुलिस स्टेशन द्वारा मुख्य आरोपी मोनोब्रोतो जाना, उसके परिवार के सदस्यों और अन्य अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 332, 353, 186, 323, 427, 34 और पीडीपीपी अधिनियम (Prevention of Damage to Public Property Act, 1984) की धारा 3 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. उग्र भीड़ द्वारा पत्थरबाजी के बीच एजेंसी ने मोनोब्रोतो जाना को गिरफ्तार कर लिया है.

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भूपतिनगर में 3 दिसंबर, 2022 को हुए एक विस्फोट में छप्पर का घर ध्वस्त हो गया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी. पिछले महीने, एनआईए ने विस्फोट के सिलसिले में पूछताछ के लिए 8 तृणमूल कांग्रेस नेताओं को बुलाया था. केंद्रीय जांच एजेंसी ने आठों को अपने अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा था, क्योंकि वे पहले के समन में जांच में शामिल नहीं हुए थे, जिसमें उन्हें 28 मार्च को न्यू टाउन में एनआईए कार्यालय का दौरा करने का निर्देश दिया गया था. एनआईए की टीम इसी केस के सिलसिले में मोनोब्रोतो जाना को गिरफ्तार करने भूपतिनगर पहुंची थी, जब भीड़ ने उस पर हमला किया.

यह भी पढ़ें: ईडी टीम पर हमला... टीएमसी नेता अरेस्ट, आखिर बंगाल में क्या हो रहा?

संदेशखाली में ED की टीम पर हुआ था हमला

दो महीने पहले भी पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में ED की टीम पर हमला हुआ था. तब केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी स्थानीय टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर पर छापा मारने गए थे. शेख के समर्थकों ने ईडी टीम के साथ गए केंद्रीय बल के जवानों पर भी हमला किया था. पत्थरबाजी में घायल ईडी के तीन अधिकारियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.

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शाहजहां शेख बंगाल के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक का करीबी है और संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण के आरोप में फिलहाल सीबीआई की गिरफ्त में है. ज्योति प्रिया मल्लिक पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाला केस में आरोपी हैं. उन्हें ईडी ने पिछले साल के आखिरी में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल जेल में हैं.

बोनगांव में ईडी टीम के सामने आ गई थी उग्र भीड़

राशन घोटाला मामले में ही बोनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को इस साल 6 जनवरी को गिरफ्तार करने पहुंची ईडी की टीम को उग्र भीड़ का सामना करना पड़ा था. भीड़ ने कथित तौर पर ईडी अधिकारियों को आद्या को अपने साथ ले जाने से रोकने की कोशिश की थी और उनके वाहनों पर पथराव किया था.

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ईडी टीम के साथ आए सीआरपीएफ जवानों को भीड़ पर लाठीचार्ज करना पड़ा था. केंद्रीय एजेंसी ने उत्तर 24 परगना जिले के टीएमसी नेता शंकर आध्या को बोनगांव के सिमुलटोला में उनके आवास से गिरफ्तार किया था. ईडी टीम ने गिरफ्तारी से पहले आध्या और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों की 17 घंटे तक तलाशी ली थी.

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