मराठा आरक्षणः SC में बेंच के गठन से पहले महाराष्ट्र ने लगाई याचिका, फैसले पर करें पुनर्विचार

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते बुधवार को आधिकारिक तौर पर मराठा आरक्षण पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अब बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर दिया है. अब इस मसले पर 5 या उससे ज्यादा जजों की बेंच ही अंतिम सुनवाई करेगी. इसी संबंध में महाराष्ट्र सरकार की ओर से पुनर्विचार की याचिका लगाई गई है.

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महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका (फाइल-पीटीआई) महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका (फाइल-पीटीआई)

पॉलोमी साहा / संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST
  • SC ने मराठा आरक्षण पर दिया था अंतरिम आदेश
  • मराठा आरक्षण को लेकर बड़ी बेंच करेगी सुनवाई
  • 5 या उससे ज्यादा जजों की बेंच ही सुनवाई करेगी

मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बड़ी संवैधानिक बेंच के गठन से पहले एक समीक्षा याचिका दायर की है, जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा आरक्षण पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया है.

मराठा आरक्षण पर लगी रोक हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार ने याचिका दाखिल की है. याचिका में कोर्ट से दरख्वास्त की गई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई अंतरिम रोक हटाई जाए.  

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते बुधवार को आधिकारिक तौर पर मराठा आरक्षण पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अब बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर दिया है. अब इस मसले पर 5 या उससे ज्यादा जजों की बेंच ही अंतिम सुनवाई करेगी.

अपने अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2020-21 के दौरान नौकरी और एडमिशन में कोई मराठा कोटा नहीं होगा. हालांकि इस फैसले से पीजी एडमिशन पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ेगा. इस फैसले के बाद मराठा कोटा आरक्षण के मामले में बड़ी बेंच सुनवाई करेगी. चीफ जस्टिस (सीजेआई) एसए बोबडे संविधान पीठ का गठन करेंगे.

महाराष्ट्र की राजनीति में अहम

मराठा आरक्षण मामला लंबे समय से चर्चा में रहा है और महाराष्ट्र में इस पर जमकर राजनीति होती रही है. मराठा समुदाय कई साल से अपने लिए नौकरी और उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए कोटा मांगता रहा है. कई राजनीतिक दलों का उन्हें समर्थन भी मिलता रहा है. पिछले हफ्ते बुधवार को देश की सबसे बड़ी अदालत में इस पर सुनवाई हुई.

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कोर्ट के अंतरिम आदेश में कहा गया कि उच्च शिक्षा के प्रोफेशनल कोर्सेज में दाखिले के लिए अलग से मराठा कोटा के मामले में अब बड़ी बेंच सुनवाई करेगी.

साल 2018 में मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के 5 विधायकों ने इस्तीफा भी दे दिया था. इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के विधायक शामिल थे. पिछले साल बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए जा रहे मराठा आरक्षण पर अपना फैसला दिया था. बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था.

इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कह चुके हैं कि मराठा समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार एक क्षण के लिए भी पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कहा था कि यह लड़ाई हम सब के लिए है. लोगों को न्याय दिलाने के लिए हम लोग कुछ भी करेंगे. इस बारे में हमें कोई सलाह मिलेगी तो हम लोग उस पर भी विचार करेंगे.

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