विदाई कार्यक्रम में भावुक हुए CJI गवई, कहा- जिस मुकाम पर हूं, केवल संविधान और आंबेडकर के कारण

सीजेआई बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. जस्टिस गवई ने एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित विदाई समारोह में अपने बचपन के दिनों को याद किया और खुद को सभी धर्मों में आस्था रखने वाला सच्चा सेक्युलर व्यक्ति बतया.

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CJI बीआर गवई ने खुद को बताया सच्चा सेक्युलर (File Photo- PTI) CJI बीआर गवई ने खुद को बताया सच्चा सेक्युलर (File Photo- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. 21 नवंबर को जस्टिस गवई का सीजेआई के रूप में अंतिम कार्य दिवस है और इससे पहले एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने उन्हें विदाई देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई ने कहा कि बौद्ध धर्म को मानता हूं, लेकिन वास्तव में एक पंथनिरपेक्ष इंसान हूं जो सभी धर्मों में आस्था रखता है.

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उन्होंने कहा कि खुद को एक सच्चा सेक्युलर व्यक्ति मानता हूं. सीजेआई गवई ने अपने विदाई कार्यक्रम में कहा कि सेक्युलर दृष्टिकोण मुझे मेरे पिता से मिला, जो डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के सिद्धांतों का अनुसरण करते थे और बहुत सेक्युलर विचारों के व्यक्ति थे. उन्होंने बचपन को याद करते हुए कहा कि जब अपने पिता के साथ राजनीतिक कार्यक्रमों में जाता था, तब लोग दरगाह या गुरुद्वारे में भी ले जाते थे और हम हमेशा वहां जाते थे.

सीजेआई गवई ने भावुक होते हुए कहा कि आज जिस मुकाम पर हूं, वह केवल संविधान और डॉक्टर आबेडकर के कारण संभव हो सका. उन्होंने कहा कि नगरपालिका के एक स्कूल में ज़मीन पर बैठकर पढ़ने वाला लड़का इस पद तक पहुंचे, इसकी कल्पना भी मुश्किल है. सीजेआई गवई ने कहा कि उन्होंने हमेशा भारतीय संविधान के चार मूल स्तंभो- न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता को अपने कार्य और व्यवहार में उतारने की कोशिश की है.

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सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर भी सीजेआई ने खुलकर बात की और कहा कि सुप्रीम कोर्ट किसी एक मुख्य न्यायाधीश पर केंद्रित संस्थान नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट सुचारू रूप से तभी चल सकता है, जब जस्टिस-बार-रजिस्ट्री और स्टाफ, सभी मिलकर कार्य करें. सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि बार से जुड़े मुद्दों पर SCBA और SCAORA को हमेशा शामिल किया जाना चाहिए.

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इस कार्यक्रम में सीजेआई डेजिग्नेटेड जस्टिस सूर्यकांत ने सीजेआई गवई की मानवतावादी सोच और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की. उन्होंने यह भी कहा कि सीजेआई गवई को दो दशक से जानता हूं. उनके व्यक्तित्व में विनम्रता और न्याय के प्रति समर्पण की मिसाल मिलती है. SCAORA के अध्यक्ष विपिन नायर ने भी CJI गवई का धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने जांच एजेंसियों द्वारा वकीलों को पूछताछ के लिए बुलाने के मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाई, संज्ञान लिया और जरूरी कदम भी उठाए.

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