झारखंड में भी रिजॉर्ट पॉलिटिक्स! शाम तक सरकार बनाने का न्योता नहीं मिला तो क्या? JMM ने तैयार किया 'प्लान B'

झारखंड में सियासी हलचल बढ़ गई है. बीजेपी भी एक्टिव है, बैठकों का दौर चल रहा है. वहीं, जेएमएम की ओर से चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. अगर शाम तक राजभवन की ओर से सरकार बनाने का न्योता नहीं मिला तो क्या? इस स्थिति के लिए जेएमएम ने 'प्लान B' भी तैयार कर लिया है.

Advertisement
चंपई सोरेन (फोटोः पीटीआई) चंपई सोरेन (फोटोः पीटीआई)

श्रेया चटर्जी

  • रांची,
  • 01 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST

झारखंड में मुख्यमंत्री पद से हेमंत सोरेन इस्तीफा दे चुके हैं. ईडी ने हेमंत को गिरफ्तार कर लिया है और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले सत्ताधारी इंडिया गठबंधन ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता भी चुन लिया. बुधवार को सियासी हलचल के बीच शाम के समय घटनाक्रम तेजी से घटा. हेमंत सोरेन ने ईडी के अधिकारियों के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को सीएम पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया तो वहीं विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपकर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया.

Advertisement

जेएमएम विधायकों ने राज्यपाल से जल्द सरकार गठन की मांग की. जेएमएम को अभी तक राज्यपाल की ओर से सरकार गठन के लिए न्योता नहीं मिला है. इस बीच, झारखंड बीजेपी में भी बैठकों का दौर चल रहा है और पार्टी के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी रांची पहुंच चुके हैं. बढ़ती सियासी गहमागहमी के बीच अब सूबे की सियासत एक बार फिर से रिजॉर्ट पॉलिटिक्स की ओर बढ़ती दिख रही है. बीजेपी की सक्रियता को देखते हुए जेएमएम और कांग्रेस के साथ ही इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियां भी चौकन्नी हो गई हैं.

ये भी पढ़ें- पिता 3 बार के CM, भाभी विधायक और भाई युवा मोर्चा में... जानिए झारखंड की सियासत में कितना है सोरेन फैमिली का दबदबा

मिली जानकारी के मुताबिक जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन को आज यानी एक फरवरी की शाम तक सरकार बनाने का न्योता अगर नहीं मिलता है तो गठबंधन के विधायकों को झारखंड के बाहर किसी दूसरे राज्य में शिफ्ट किया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो सभी विधायकों को तेलंगाना ले जाया जा सकता है. इंडिया गठबंधन ने यह फैसला विधायकों में टूट के खतरे को कम करने के लिए लिया है. तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में इंडिया गठबंधन के नेताओं को लगता है कि विधायकों की एकजुटता सुनिश्चित करने के लिए तेलंगाना सबसे सुरक्षित ठिकाना हो सकता है.

Advertisement

ये भी पढ़ें- क्या BJP झारखंड में कर सकती है खेल? इसलिए चट इस्तीफा, पट ताजपोशी चाहती है JMM

गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा के 80 सदस्यों में से सत्ताधारी गठबंधन के 48 विधायक हैं लेकिन चंपई सोरेन की ओर से सरकार बनाने का दावा करते हुए राज्यपाल को जो समर्थन पत्र सौंपा गया है, उस पर 43 विधायकों के ही हस्ताक्षर हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन का संख्याबल इस समय 32 है. बीजेपी हेमंत सोरेन पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार के बीच बीजेपी की सक्रियता ने इंडिया गठबंधन के नेताओं को चिंता में डाल दिया है. और यही वजह है कि इंडिया गठबंधन किसी भी तरह की टूट के खतरे को टालने के लिए एक्टिव हो गया है.

पहले भी हो चुकी है रिजॉर्ट पॉलिटिक्स

झारखंड पहले भी रिजॉर्ट पॉलिटिक्स देख चुका है. साल 2022 में जब हेमंत सोरेन के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला आया था, तब भी राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल बन गया था. हेमंत सोरेन की विधायकी और सीएम की कुर्सी पर बन आई थी और तब भी जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट कर दिया था. तब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement