पंकज त्रिपाठी की मां का निधन, 89 की उम्र में ली अंतिम सांस, लंबे समय से थीं बीमार

89 की उम्र में पंकज त्रिपाठी की मां का निधन हो गया है. परिवार में गम का माहौल है. एक्टर मां के चले जाने से दुखी हैं. बताया जा रहा है कि पंकज की मां का निधन 31 अक्टूबर को हुआ, उनके आखिरी वक्त में एक्टर मां के पास ही मौजूद थे.

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पंकज त्रिपाठी की मां का निधन (Photo: ITG) पंकज त्रिपाठी की मां का निधन (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:14 PM IST

बॉलीवुड जगत से एक दुख की खबर सामने आई है. एक्टर पंकज त्रिपाठी की मां श्रीमती हेमवती देवी का देहांत हो गया है. एक्टर के मां के निधन से बहुत दुखी हैं. उनका देहांत शुक्रवार को बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड स्थित परिवार के पुश्तैनी घर में हुआ. वे 89 वर्ष की थीं और कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं.

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पंकज की मां का निधन

त्रिपाठी परिवार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, श्रीमती हेमवती देवी ने अपने परिवारजनों के बीच अंतिम सांस ली. पंकज त्रिपाठी, जो अपनी सादगी और पारिवारिक मूल्यों के लिए जाने जाते हैं, अपनी मां के अंतिम समय में उनके साथ थे.

बयान में कहा गया, “हमें यह बताते हुए अत्यंत दुख हो रहा है कि श्री पंकज त्रिपाठी की प्रिय माता, श्रीमती हेमवती देवी का शांतिपूर्वक स्वर्गवास हो गया है. उनका निधन शुक्रवार, 31 अक्टूबर को परिवार के गृह नगर बेलसंड, गोपालगंज (बिहार) में हुआ. वे 89 वर्ष की थीं और कुछ समय से अस्वस्थ थीं. उन्होंने अपने परिवारजनों के बीच नींद में ही शांतिपूर्वक अंतिम सांस ली. पंकज त्रिपाठी उनके पास ही थे.”

परिवार ने मनाया शोक

पंकज की मां का अंतिम संस्कार शनिवार को बेलसंड में किया गया, जिसमें केवल करीबी परिजन, रिश्तेदार और मित्र शामिल हुए. परिवार ने इस कठिन समय में सभी से प्राइवेसी बनाए रखने का अनुरोध किया है. बयान में आगे कहा गया, “त्रिपाठी परिवार इस गहरे दुख से गुजर रहा है और सभी से निवेदन करता है कि श्रीमती हेमवती देवी को अपनी प्रार्थनाओं और यादों में रखें. परिवार यह भी अनुरोध करता है कि मीडिया और शुभचिंतक इस समय उनकी निजता का सम्मान करें और उन्हें शांति से शोक मनाने दें.”

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मां श्रीमती हेमवती देवी का पंकज त्रिपाठी के जीवन पर गहरा प्रभाव था. वे हमेशा कहते रहे हैं कि मां ने ही उनमें अनुशासन, विनम्रता और करुणा के संस्कार डाले. गोपालगंज के किसान परिवार से आने वाले पंकज त्रिपाठी अक्सर अपने गांव, माता-पिता और सादगी भरे बचपन की बातें करते हैं, जो उनकी सफलता के बाद भी उनके जीवन का अहम हिस्सा बनी रही.

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