मस्क की कंपनी स्टारलिंक की इंडिया एंट्री से पहले ट्रंप से झगड़ा, क्या इस विवाद से सबकुछ बदल जाएगा?

स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट शुरू करने वाला है, लेकिन ट्रंप-मस्क के झगड़े से इसकी रफ्तार धीमी हो सकती है. ट्रंप की टैरिफ नीति और मस्क के बिजनेस पर दबाव भारत की योजनाओं को प्रभावित कर सकता है. भारत सरकार सतर्क है और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए स्टारलिंक को मौका दे रही है.

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ट्रंप के सरकारी आदेशों से मस्क को नुकसान हो रहा है. (फोटोः Grok) ट्रंप के सरकारी आदेशों से मस्क को नुकसान हो रहा है. (फोटोः Grok)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST

एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट शुरू करने की तैयारी में है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मस्क के बीच बढ़ता झगड़ा इस योजना पर असर डाल सकता है. भारत में स्टारलिंक को तीसरा लाइसेंस मिलने वाला है, लेकिन क्या यह विवाद सब कुछ बदल देगा? 

स्टारलिंक का भारत में आगमन

5 जून 2025 को ग्वालियर में संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि भारत सरकार जल्द ही स्टारलिंक को तीसरा सैटेलाइट इंटरनेट लाइसेंस देगी. इसके बाद स्पेक्ट्रम आवंटन होगा, जिससे देश भर में तेजी से सैटेलाइट इंटरनेट शुरू हो सकेगा.

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  • क्या है स्टारलिंक?: यह SpaceX की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है, जो 7000 से ज्यादा लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स से हाई-स्पीड इंटरनेट देती है.
  • लाभ: यह भारत के दूरदराज और गांवों में इंटरनेट पहुंचाएगा, जहां फाइबर केबल या मोबाइल टावर लगाना मुश्किल है.
  • प्रतिद्वंदी: भारती वनवेब और रिलायंस जियो पहले से भारत में सैटेलाइट इंटरनेट दे रहे हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्टारलिंक को "टेलीकॉम के फूलों का नया गुलदस्ता" बताया, जो भारत की कनेक्टिविटी को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा.

ट्रंप-मस्क का झगड़ा: क्या है मसला?

एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप पहले दोस्त थे, लेकिन अब उनके बीच खुला विवाद चल रहा है. इसका असर मस्क की कंपनियों पर पड़ रहा है.

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6 जून 2025: ट्रंप ने मस्क की कंपनियों के फेडरल कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द करने की धमकी दी, जिससे टेस्ला के शेयर 14% गिरे और 150 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.

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SpaceX पर खतरा: स्टारलिंक की मूल कंपनी SpaceX को भी अमेरिकी सरकार का समर्थन खोने का डर है.

मस्क का जवाब: मस्क ने SpaceX के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को बंद करने की बात कही, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया.

अमेरिकी विशेषज्ञ संजीव श्रीवास्तव ने इंडिया टुडे को बताया कि यह "दोस्त से दुश्मन" बनने की कहानी है. ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीति मस्क के बिजनेस, खासकर चीन को नुकसान पहुंचा रही है. यह झगड़ा मस्क के भारत प्रोजेक्ट्स, जैसे स्टारलिंक पर भी असर डाल सकता है.

भारत के लिए स्टारलिंक क्यों जरूरी?

भारत में 1.4 बिलियन आबादी है, लेकिन केवल 950 मिलियन लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं. स्टारलिंक उन इलाकों में इंटरनेट ला सकता है, जहाँ पारंपरिक नेटवर्क नहीं हैं.

  • लाभ: गांवों में इंटरनेट: स्कूल, अस्पताल और छोटे व्यवसायों को फायदा.
  • आपदा प्रबंधन: बाढ़ या तूफान में संचार बनाए रखने में मदद. IDMC 2025 के अनुसार, 2015-2024 में भारत में 3.2 करोड़ लोग प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुए. 
  • कम लेटेंसी: 25-50 मिलीसेकंड, जो गेमिंग और वीडियो कॉलिंग के लिए अच्छा है.
  • योजनाएंः शुरू में 30000-50000 यूजर्स को 600-700 Gbps बैंडविड्थ और 2027 तक 3 Tbps.

रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ साझेदारी से स्टारलिंक अपने उपकरण बेचेगा.

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झगड़े का स्टारलिंक पर असर

भारत सरकार ने स्टारलिंक को लेटर ऑफ इंटेंट दे दिया है, लेकिन अभी IN-SPACe और स्पेक्ट्रम आवंटन की मंजूरी बाकी है. ट्रंप-मस्क विवाद इसका रास्ता रोक सकता है.

खतरे

अमेरिकी समर्थन: अगर ट्रंप SpaceX से कॉन्ट्रैक्ट्स छीन लेते हैं, तो स्टारलिंक की फंडिंग और तकनीक पर असर पड़ सकता है.

भारत की निगरानी: भारत सरकार ट्रंप-मस्क झगड़े पर नजर रख रही है.

सुरक्षा चिंताएंः स्टारलिंक के डेटा प्राइवेसी और मिलिट्री यूज को लेकर भारत सतर्क है.

विशेषज्ञ की राय: संजीव श्रीवास्तव के अनुसार, यह विवाद स्टारलिंक की भारत योजनाओं में अड़चन डाल सकता है.

X पर पोस्ट्स में भी चिंता जताई गई कि ट्रंप का भारत विरोधी रवैया और मस्क से झगड़ा स्टारलिंक को प्रभावित कर सकता है. 

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भारत की रणनीति

भारत स्टारलिंक को मौका दे रहा है, लेकिन सावधानी बरत रहा है. 

  • सुरक्षा शर्तें: स्टारलिंक को 29 सख्त शर्तें माननी पड़ीं, जैसे डेटा लोकल स्टोरेज, रियल-टाइम ट्रैकिंग और 20% स्थानीय बुनियादी ढांचा.
  • प्रतिस्पर्धा: जियो और एयरटेल पहले से सैटेलाइट इंटरनेट दे रहे हैं.
  • कीमत: स्टारलिंक की योजनाएं ₹850-₹4,500/माह हो सकती हैं, जो भारत के लिए प्रतिस्पर्धी है.

संचार मंत्री सिंधिया ने कहा कि स्टारलिंक पारंपरिक नेटवर्क का विकल्प नहीं, बल्कि पूरक है. स्टारलिंक भारत के लिए एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है, जो गांवों और दूरदराज इलाकों में इंटरनेट लाएगा. लेकिन ट्रंप-मस्क झगड़ा इसकी रफ्तार धीमी कर सकता है. ट्रंप की टैरिफ नीति और मस्क के बिजनेस पर दबाव भारत की योजनाओं को प्रभावित कर सकता है. भारत सरकार सतर्क है और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए स्टारलिंक को मौका दे रही है. 

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