बेलारूस में हाइपरसोनिक मिसाइलें तैनात करने की तैयारी में रूस... यूरोप की सुरक्षा पर बढ़ा दबाव

यूक्रेन युद्ध के बीच रूस की सैन्य रणनीति एक बार फिर बदलती दिख रही है. इस बार निशाने पर यूरोप है. सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि रूस नई हाइपरसोनिक मिसाइलों की तैनाती की तैयारी में है. ये परमाणु सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें यूरोप तक मार कर सकती हैं.

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शोधकर्ताओं ने पाया है कि बेलारूस के पुराने एयरपोर्ट पर रूस नई हाइपरसोनिक मिसाइलें तैनात कर रहा है. (File Photo) शोधकर्ताओं ने पाया है कि बेलारूस के पुराने एयरपोर्ट पर रूस नई हाइपरसोनिक मिसाइलें तैनात कर रहा है. (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:27 AM IST

रूस अब पूर्वी बेलारूस में एक पुराने एयरबेस पर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात करने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका के दो शोधकर्ताओं ने सैटेलाइट तस्वीरों के अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है. अगर यह तैनाती होती है तो इससे पूरे यूरोप में रूस की मिसाइल हमले की क्षमता और मजबूत हो सकती है. शोधकर्ताओं का आकलन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के निष्कर्षों से भी मेल खाता बताया जा रहा है.

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कैलिफोर्निया स्थित मिडलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के जेफ्री लुईस और वर्जीनिया स्थित CNA रिसर्च एंड एनालिसिस ऑर्गनाइजेशन के डेकर एवलथ ने Planet Labs नाम की कमर्शियल सैटेलाइट कंपनी की तस्वीरों का विश्लेषण किया. इन तस्वीरों में ऐसे ढांचे और निर्माण गतिविधियां दिखीं, जो रूसी रणनीतिक मिसाइल बेस से मेल खाती हैं.

शोधकर्ताओं ने कहा कि वे करीब 90 प्रतिशत आश्वस्त हैं कि मोबाइल ओरेशनिक मिसाइल लॉन्चर बेलारूस के क्रिचेव शहर के पास स्थित एक पुराने एयरबेस पर तैनात किए जाएंगे. यह जगह राजधानी मिन्स्क से करीब 307 किलोमीटर पूर्व और मॉस्को से लगभग 478 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है.

क्या है Oreshnik मिसाइल

Oreshnik, जिसका रूसी भाषा में मतलब ‘हेजल ट्री’ होता है, एक इंटरमीडिएट-रेंज हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी अनुमानित मारक क्षमता करीब 5,500 किलोमीटर बताई जाती है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे ऐसी मिसाइलों को बेलारूस में तैनात करना चाहते हैं, हालांकि अब तक उनकी सटीक लोकेशन सार्वजनिक नहीं की गई थी.

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रूस ने नवंबर 2024 में यूक्रेन के खिलाफ पारंपरिक हथियारों से लैस Oreshnik मिसाइल का परीक्षण किया था. पुतिन का दावा है कि यह मिसाइल मैक-10 से ज्यादा की रफ्तार से उड़ती है और इसे रोक पाना लगभग असंभव है.

NATO को रोकने की रणनीति?

विशेषज्ञों का मानना है कि Oreshnik की तैनाती से रूस की परमाणु हथियारों पर निर्भरता और ज्यादा साफ होती है. इसका मकसद NATO देशों को यूक्रेन को ऐसे हथियार देने से रोकना हो सकता है, जिनसे रूस के भीतर गहराई तक हमला किया जा सके.

न्यू स्टार्ट संधि की समाप्ति से पहले बड़ा कदम

Oreshnik की संभावित तैनाती ऐसे वक्त पर सामने आई है, जब 2010 की New START संधि के खत्म होने में सिर्फ कुछ हफ्ते बचे हैं. यह अमेरिका और रूस के बीच आखिरी बड़ी संधि है, जो रणनीतिक परमाणु हथियारों की तैनाती को सीमित करती है.

दिसंबर 2024 में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से मुलाकात के बाद पुतिन ने कहा था कि साल की दूसरी छमाही में Oreshnik मिसाइलें बेलारूस में तैनात की जा सकती हैं. यह शीत युद्ध के बाद पहली बार होगा, जब रूस अपने क्षेत्र से बाहर परमाणु हथियारों की तैनाती करेगा.

लुकाशेंको का दावा, लेकिन जगह नहीं बताई

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पिछले हफ्ते बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा था कि पहली मिसाइलें तैनात कर दी गई हैं, लेकिन उन्होंने उनकी लोकेशन नहीं बताई. लुकाशेंको ने दावा किया कि बेलारूस में 10 तक Oreshnik मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं.

हालांकि अमेरिकी शोधकर्ताओं का कहना है कि जिस साइट की पहचान की गई है, वहां अधिकतम तीन लॉन्चर ही रखे जा सकते हैं और बाकी मिसाइलें किसी अन्य स्थान पर तैनात हो सकती हैं.

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