महागठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया है. इसका नाम 'तेजस्वी प्रण' रखा गया है. इस घोषणापत्र के कवर फोटो पर तेजस्वी यादव का ही फोटो छपा है.
तेजस्वी यादव की अगुवाई में जारी इस दस्तावेज में महागठबंधन ने रोजगार, सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और किसानों के हितों को प्राथमिकता देने का वादा किया है.
गठबंधन ने कहा कि यह सिर्फ एक चुनावी दस्तावेज नहीं, बल्कि समृद्ध और न्यायपूर्ण बिहार के निर्माण का ऐतिहासिक संकल्प है. संकल्प पत्र में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर पिछले दो दशकों में शासन की विफलता, भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी बढ़ाने का आरोप लगाया गया है.
हर परिवार से एक नौकरी:
इंडिया गठबंधन की सरकार बनने के 20 दिन के भीतर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अधिनियम लाने का वादा किया गया है। 20 महीने के भीतर नौकरियों की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई है।
महिलाओं के लिए ‘माई-बहिन मान योजना’:
महिलाओं को 1 दिसंबर से ₹2,500 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी. पांच वर्षों में उन्हें कुल ₹30,000 सालाना सहायता मिलेगी. बेटियों के लिए ‘BETI’ और माताओं के लिए ‘MAI’ योजना लाने की घोषणा की गई है.
संविदाकर्मी स्थायी होंगे:
सभी संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा. जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और ₹30,000 वेतन दिया जाएगा.
पुरानी पेंशन योजना की वापसी:
राज्य में OPS (Old Pension Scheme) को फिर से लागू करने का वादा किया गया है.
मुफ्त बिजली और पेंशन:
हर परिवार को 200 यूनिट तक बिजली मुफ़्त दी जाएगी. वृद्धजन, विधवा और दिव्यांगों के लिए क्रमशः ₹1,500 और ₹3,000 मासिक पेंशन का प्रावधान होगा.
शिक्षा और रोजगार पर ज़ोर:
प्रत्येक अनुमंडल में महिला कॉलेज और 136 प्रखंडों में नए डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है. प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म शुल्क खत्म करने और छात्रों को परीक्षा केंद्र तक मुफ्त यात्रा सुविधा देने का वादा भी शामिल है.
किसानों के लिए MSP गारंटी:
सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी दी जाएगी और मंडियों को फिर से सक्रिय किया जाएगा.
स्वास्थ्य सुरक्षा:
हर व्यक्ति को ₹25 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा देने की बात कही गई है. जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं से लैस किया जाएगा.
मनरेगा और आरक्षण विस्तार:
मनरेगा मज़दूरी ₹255 से बढ़ाकर ₹300 करने और काम के दिनों को 100 से बढ़ाकर 200 करने की घोषणा. साथ ही, OBC और SC/ST वर्गों के लिए आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने और इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भी किया गया है.
Zero Tolerance नीति:
अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का दावा किया गया है. पुलिस अधिकारियों के लिए निश्चित कार्यकाल तय करने की बात कही गई है.
अल्पसंख्यक और वक्फ संपत्ति संरक्षण:
वक्फ संशोधन विधेयक पर रोक लगाने और संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन का वादा किया गया है. बौद्ध गया के बौद्ध मंदिरों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की भी घोषणा है.
बता दें कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन की ओर से सीएम फेस हैं. महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव, पवन खेड़ा, दीपांकर भट्टाचार्य, मुकेश सहनी मौजूद हैं.
महागठबंधन का NDA सरकार पर हमला
संकल्प पत्र के जरिए महागठबंधन ने एनडीए सरकार पर सीधा हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार ने 20 सालों में सुशासन के नाम पर केवल अन्याय, पलायन और बेरोजगारी देखी है. अब समय है न्यायपूर्ण और नए बिहार के निर्माण का.
यहां सुनें-
'हमें बिहार को पटरी पर लाना है'
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, 'महागठबंधन ने सबसे पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा की. हमने अपना घोषणापत्र भी सबसे पहले जारी किया. इससे पता चलता है कि बिहार को लेकर कौन गंभीर है. हमने पहले दिन से ही तय कर लिया था कि हम बिहार के लिए क्या करेंगे. हमें बिहार को पटरी पर लाना है. आज का दिन बहुत ही शुभ है क्योंकि बिहार राज्य इस 'प्रण' का इंतजार कर रहा था.'
'30-35 वर्ष बिहार की सेवा करेंगे'
इस मौके पर वीआईपी प्रमुख और महागठबंधन के डिप्टी सीएम चेहरे मुकेश सहनी ने कहा, '...आज हमने एक नए बिहार के लिए संकल्प पत्र लॉन्च किया है. अगले 30-35 वर्षों तक हम बिहार के लोगों की सेवा के लिए काम करेंगे. हम जनता की सभी आकांक्षाओं को पूरा करेंगे. हम जनता से किए गए सभी वादों को पूरा करेंगे. राज्य की जनता महागठबंधन के समर्थन में खड़ी है और हम बिहार में सरकार बना रहे हैं. दूसरी ओर, एनडीए के पास कोई 'संकल्प' नहीं है.'
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