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किसानों के लिए खुशखबरी! धान की सीधी बुवाई पर इस राज्य में मिलेंगे प्रति एकड़ 4 हजार रुपये

हरियाणा में धान की सीधी बुवाई यानी डीएसआर तकनीक से बिजाई करने पर भी 4000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी मिलेगी. इस तकनीक से भूजल का ज्यादा खतरा नहीं होगा और मिट्टी की संरचना भी बेहतर होगी.

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Paddy sowing
Paddy sowing

रबी की फसलों की कटाई का वक्त चल रहा है. कटाई के दो महीने बाद खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू हो जाएगी. इस वक्त देश के अधिकतर राज्यों में भूजल स्तर अपने निचले स्तर पर है. ऐसे में हरियाणा सरकार ने कम पानी में धान की खेती को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. हरियाणा सरकार धान की सीधी बुवाई करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 4 हजार रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया है.

प्रति एकड़ किसानों को 4 हजार रुपये

हरियाणा में धान की सीधी बुवाई यानी डीएसआर तकनीक से बिजाई करने पर भी 4000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी मिलेगी. इस तकनीक से भूजल का ज्यादा खतरा नहीं होगा और मिट्टी की संरचना भी बेहतर होगी. खेती में पानी की बचत के लिए राज्य के किसानों को ड्रिप इरिगेशन पर भी 80 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है. इस सभी सब्सिडी से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल या अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर किसान संपर्क कर सकते हैं और जानकारी ले सकते हैं.

पिछले साल भी किसानों को धान की सीधी बिजाई पर दी गई थी सब्सिडी

राज्य में गिरते भूजल स्तर को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पिछले साल भी किसानों को धान की सीधी बुवाई करने पर प्रति एकड़ 4 हजार रुपये देने का फैसला किया था. इसके अलावा धान की जगह अन्य फसलों की खेती करने पर भी किसानों को आर्थिक मदद दी गई थी.

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सीधी बुवाई के चलते 25 से 30 प्रतिशत पानी का होता है बचत

अब तक धान की बुवाई के लिए नर्सरी तैयार करनी पड़ती है. नर्सरी के तहत धान की बुवाई करने से खेतों में पानी की आवश्यकता अधिक होती है. वहीं, अब सीधी बिजाई के तहत किसान धान के बीज को सीधे खेत में छिड़काव करके या सीड ड्रिल यानी डीसीआर मशीनों से बोते हैं. ऐसे में फसलों को उतना ही पानी देना पड़ता है जितने की आवश्यकता है. धान की बुवाई की ये तकनीफ अपनाने पर तकरीबन 25 से 30 प्रतिशत पानी का बचत होता है.

 

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