सहकारी समितियां अब किसानों को खाद-बीज या कर्ज देने तक ही सीमित नहीं रहेंगी. अब वे पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, मेडिकल स्टोर और रेलवे टिकट बुकिंग जैसी सेवाएं संचालित कर सकती हैं. एमपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान सहकारी समितियों के माध्यम से फैक्ट्रियां चलाने के लिए भी समझौते हो चुके हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह जानकारी दी.
CM ने बताया कि सहकारी क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और प्रदेश में ऐसी गतिविधियों के विस्तार के लिए बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों का उपयोग किया जा रहा है. यादव ने कहा कि दूध उत्पादन घरेलू आय बढ़ाने का एक सिद्ध साधन है.
सीएम ने कहा, "सरकार गाय पालन और डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. पशु पालन के लिए सब्सिडी योजना शुरू की गई है." उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का लक्ष्य राष्ट्रीय उत्पादन में अपने दूध के योगदान को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करना है.
CM ने कहा, "किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार सीधे गाय का दूध खरीदेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार किसानों की समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है."
इससे पहले दिन में भोपाल में मौजूद अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. इस अवसर पर राज्य में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.