ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन आय का एक बढ़िया स्रोत बनकर सामने आया है. हालांकि, पिछले दो साल पशुपालकों के लिए भारी नुकसान वाले रहे हैं. लंपी वायरस के चलते राजस्थान समेत कई राज्यों में बड़ी संख्या में दुधारू पशुओं की मौत हुई है. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत गाय के साथ-साथ अब भैंसों का भी बीमा कराने का फैसला लिया है.
बीमा प्रीमियम का खर्च भी वहन करेगी सरकार
राजस्थान में इससे पहले सिर्फ दुधारू गायों के बीमा कराने की सुविधा थी. भैंस सरकार इस प्रकिया से बाहर थे. ऐसे में अब भैंस रखने वाले किसानों के सामने बेहतरीन अवसर है. वह निशुल्क अपनी भैंस का बीमा करा सकते हैं. इन किसानों को बीमा प्रीमियम की राशि भी भरने की जरूरत नहीं होगी. बीमा प्रीमियम का खर्च भी राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा. इससे किसान लंपी वायरस जैसी आने वाली बीमारियों से बेफिक्र होकर पशुपालन कर सकते हैं. साथ ही उनकी आय में भी इजाफा होगा.
लंपी वायरस से हजारों पशुओं की हुई थी मौत
बता दें कि साल 2022 में लंपी वायरस के चलते उत्तर भारत में बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हुई थी. सबसे खराब हालात राजस्थान के रहे हैं. जहां पशुओं के शवों को दफनाने के लिए जमीन कम पड़ गई थी. ऐसे में राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है.
मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत दुधारू गौवंश के साथ अब दुधारू भैंस का भी होगा बीमा -पशुपालन मंत्री
— सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार (@DIPRRajasthan) May 2, 2023
महंगाई राहत कैम्प के तहत मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना में 40 हजार रूपए तक का बीमा पूर्णतया निःशुल्कhttps://t.co/fy9Znf04nj
750 करोड़ रुपये की राशि आवंटित
मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत दुधारू पशुओं के मृत्यु पर मुआवजा दिया जाता है. लंपी वायरस जैसे किसी भी जानलेवा बीमारी से मरने वाले दुधारू पशुओं की मृत्यु पर 40 हजार रुपये दिए जाते हैं. राजस्थान सरकार ने कामधेनु बीमा योजना के लिए कुल 750 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है.