Gujarat Farmers Generating Electricity Along with Farming: गुजरात के किसान अब सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रहे. अब गुजरात के किसान सौर ऊर्जा की मदद से बिजली पैदा कर रहे हैं और उसे बेच भी रहे हैं. गुजरात के खेड़ा जिले के ढूंढी गांव से सामने आई ये तस्वीर देश के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन सकती है. गुजरात के एक किसान प्रवीण परमार की कमाई का बड़ा साधन सोलर पैनल बन चुका है. प्रवीण जितना ख्याल अपनी फसल का रखते हैं, उतना ही खेत में लगे सोलर पैनल का भी.
प्रवीण परमार ने 7500 रुपये में बिजली बेची है. वे अपने खेतों की सिंचाई सोलर पैनल से प्राप्त ऊर्जा से करते हैं. सोलर पैनल की वजह से प्रवीण भाई की निर्भरता सरकारी विद्युत आपूर्ति से पूरी तरह खत्म हो गई है. कृषि शोध संगठन इंटरनेशनल वॉटर मैनेजमेन्ट इन्स्टीट्यूट (आईडब्ल्यूएमआई) एवं टाटा प्रोग्राम के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत ढूंढी सौर ऊर्जा सहकारी मंडली बनाई गई है.
ढूंढी गांव में इस मंडली ने दिसंबर 2015 में काम शुरू किया. उससे पहले किसान डीजल इंजन का इस्तेमाल किया करते थे. लेकिन जबसे इस मंडली की स्थापना हुई और सोलर सिस्टम लगाए गए, तबसे यहां के किसान सोलर पैनल से जो बिजली पैदा होती है,उसी से खेतों की सिंचाई के लिए पानी के पंप चलाते हैं और बाकी की बची हुई बिजली सरकार को बेच देते हैं.
मई 2016 में किसानों ने मध्यगुजरात विज कंपनी लिमीटेड (MGVCL) को पावर बेचना शुरू किया. MGVCL 4.63 रुपये प्रति किलोवोट में किसानों से बिजली खरीदती है, जिससे एक साल में किसानों ने 1 से डेढ़ लाख की इन्कम इस सोलार पैनल से कर ली है.
इस मंडली के तहत 9 किसान जुड़े हुए हैं और सभी को मुनाफा हो रहा है. पहले किसानों को डीजल इंजन चलाने के लिए 25 हजार तक का खर्च होता था. लेकिन आज इस सोलर पैनल के चलते खर्च जीरो ओर आमदनी 1 साल में तकरीबन 1 से डेढ़ लाख तक हो गई है. बिजली मुफ्त में मिलने के साथ-साथ अब यहां के किसान खेती भी अच्छे से कर आत्मनिर्भर बन गए हैं.
2018 में गुजरात सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे सौरभ पटेल ने स्काइ योजना शुरू की थी, जिससे 5 हजार से ज्यादा किसानों को काफी फायदा हुआ था. यहां तक की कइ जगह किसानों को या तो सुबह में बिजली मिलती थी या फीर शाम में, जिससे किसान अपनी फसल के लिए चिंतित रहते थे. लेकिन स्काई योजना से किसान अब बेफिक्र हो कर अपनी फसल अच्छे से उगा कर दोगुना, तीन गुना आमदनी प्राप्त कर लेते हैं.
अब तक 5 साल में इस ढूंढी सौर ऊर्जा सहकारी मंडली ने 3.50 लाख युनिट बिजली बेच कर 15 लाख तक की आमदनी प्रप्त की है. उसके साथ-साथ दूसरे किसानों को पानी बेच कर 15 से 16 लाख तक की कमाई की है. कहा जा सकता है की इस मंडली से किसानों को 30 से 32 लाख तक की आमदनी हुई है. खेड़ा के ढूंढी गांव के किसान सभी किसानों के लिए आत्मनिर्भर बनने का उदाहरण रख रहे हैं.