Chhattisgarh Govt To Buy Cow Urine: भारत में किसान कृषि के पशुपालन के सहारे ही अपना जीवनयापन करते हैं. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से तमाम तरह के फैसले लिए गए. अब ऐसी ही एक खबर आ रही है कि पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए गाय के गोबर खरीद के मॉडल के आधार पर किसानों से गायों का मूत्र खरीदा जाएगा. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि सरकार ने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया है.
पशुपालन को लाभदायक बनाने के लिए राज्य सरकार पहले से ही किसानों से गोबर खरीद की जा रही है. 20वीं पशुधन गणना के अनुसार 2019 में छत्तीसगढ़ में 2,61,503 मवेशी थे. बता दें कि गोमूत्र की खरीद उसी तरह की जाएगी जिस तरह छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गाय के गोबर की खरीद की जाती है. हम ग्राम गौठान (मवेशी शेड) समिति के माध्यम से पशु मूत्र की खरीद करेंगे और खरीद के लिए पशु मालिकों और किसानों को पाक्षिक भुगतान किया जाएगा,
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार प्रदीप श्रमा ने कहा कि इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने सड़क दुर्घटनाओं, जीवन और संपत्ति के नुकसान का कारण बनने वाली बूढ़ी गायों को छोड़ने वाले किसानों पर अंकुश लगाने के लिए गाय के गोबर की खरीद के लिए 'गौधन न्याय योजना' शुरू की थी. 20 महीने में राज्य सरकार ने करीब 64 लाख क्विंटल गोबर की खरीद की है और 20 लाख क्विंटल जैविक वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया है, अब हमें जैविक कीटनाशकों और कवकनाशी की जरूरत है. चूंकि गोमूत्र जैविक कीटनाशकों और कवकनाशी के लिए सबसे अच्छी आधार सामग्री है, इसलिए सरकार इसे किसानों से खरीदने की योजना बना रही है.
ताजा खबरों के अनुसार योजना का अंतिम मसौदा तैयार करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की राय ली जा रही है. सरकार ने अभी कीमत तय नहीं की है. शर्मा ने कहा, "जैसे हमने गोबर के लिए किया था, सरकार को खरीद मूल्य का अध्ययन करने और सुझाव देने के लिए एक उच्च स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति गठित की जाएगी और मुख्यमंत्री इस बारे में फैसला करेंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार द्वारा गोमूत्र खरीदने से किसानों गाय मालिकों को मदद मिलेगी और वह अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकेंगे.
(रिपोर्ट: महेंद्र नामदेव, रायपुर)