ईरान पर अमेरिकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है कि ईरान अपने न्यूक्लियर फैसिलिटी से लगातार अपने सामानों को और ठिकानों को बदल रहा था. यह तब हुआ जब अमेरिका ने ईरान को बातचीत के लिए दो हफ्ते का समय दिया था, लेकिन उसी बीच हमला किया गया.