यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने प्रिमोर्स्क में बाल्टिक सागर पर रूस के सबसे बड़े तेल टर्मिनल पर किए सटीक हमले के लिए यूक्रेनी योद्धाओं का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि इस हमले से रूस को आर्थिक और सैन्य ताकत को गंभीर रूस से प्रभावित हो सकता है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रविवार शाम को अपने संबोधन में प्रिमोर्स्क में बाल्टिक सागर पर रूस के सबसे बड़े तेल टर्मिनल पर सटीक हमले के लिए यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसएसयू) के विशेष बलों का धन्यवाद किया.
जेलेंस्की ने कहा, 'आज मैं विशेष रूप से उन सभी योद्धाओं को धन्यवाद देना चाहता हूं जो रूस को सचमुच मोर्चे और सीमा पर नुकसान पहुंचा रहे हैं. हमारे लंबी दूरी के हमलों की बदौलत रूस को अपनी जमीन पर भारी नुकसान हुआ है.'
उन्होंने दावा किया कि हमारे इस हमले से रूस की तेल रिफाइनरियों, उसके टर्मिनलों और तेल डिपो में भीषण आग लग गई है. उन्होंने कहा कि रूस के तेल उद्योग पर गंभीर प्रतिबंध लगाना युद्ध को गंभीर रूप से सीमित करना है.
'रूस के सबसे बड़े तेल टर्मिनल पर हमला'
यूक्रेन के नेता ने कहा कि हाल ही में सिक्योरिटी सर्विस ऑफ यूक्रेन (एसबीयू) के विशेष बलों ने प्रिमोर्स्क में एक शानदार काम किया है. उन्होंने बाल्टिक सागर पर रूस के सबसे बड़े तेल टर्मिनल पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि इस हमले से काफी नुकसान हुआ है और सब कुछ वेरीफाई हो चुका है. ये हमला दुश्मन के लिए स्पष्ट संदेश है.
'1000KM दूर तक हमला करने में समक्ष हैं हमारे ड्रोन'
उन्होंने कहा कि अब सिक्योरिटी सर्विस ऑफ यूक्रेन के ड्रोन एक हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तक काम करने में सक्षम हैं. इसके अलावा स्पेशल ऑपरेशंस फोर्सेज, द अनमैंड सिस्टम्स फोर्सेज, द फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विस और द डिफेंस इंटेलिजेंस भी इसमें शामिल हैं. उन्होंने उन सभी को उनकी सटीकता के लिए धन्यवाद दिया है.
जेलेंस्की ने बताया कि हमारे विशेष बल उस्त-लुगा पोर्ट और रूस के दुनिया बाजार तक पहुंचने वाले सभी अन्य बिंदुओं पर नजर रखे हुए हैं.
2022 में शुरू हुआ था युद्ध
आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ, जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़ा और घातक युद्ध बन गया है.