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दुनिया में हर 10 मिनट में एक महिला की हत्या... UN की रिपोर्ट में डराने वाले आंकड़े

दुनियाभर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा जिस तेजी से बढ़ रही है, उसके ताजा आंकड़े चौंकाने वाले हैं. संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट बताती है कि सबसे सुरक्षित जगह यानी घर में भी कई महिलाओं और लड़कियों के लिए जानलेवा बन गया है.

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संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में हर दिन औसतन 137 महिलाओं और लड़कियों की हत्या उनके ही करीबी लोगों द्वारा की जाती है. (Photo: AFP)
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में हर दिन औसतन 137 महिलाओं और लड़कियों की हत्या उनके ही करीबी लोगों द्वारा की जाती है. (Photo: AFP)

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनियाभर में हर 10 मिनट में एक महिला या लड़की अपने साथी या परिवार के सदस्य द्वारा हत्या का शिकार होती है. यह संख्या प्रतिदिन औसतन 137 हत्याओं के बराबर है. यूएनओडीसी और यूएन विमेन द्वारा जारी 2025 की फेमिसाइड रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ इस हिंसा में कोई ठोस गिरावट दिखाई नहीं दे रही है.

संयुक्त राष्ट्र के 'इंटरनेशनल डे फॉर द एलिमिनेशन ऑफ वॉयलेंस अगेंस्ट विमेन' के मौके पर जारी 2025 फेमिसाइड रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में महिलाओं और लड़कियों की हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इनमें कोई वास्तविक सुधार नहीं दिख रहा. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष 83,000 महिलाओं और लड़कियों की हत्या की गई, जिनमें से 60% यानी 50,000 महिलाएं और लड़कियां अपने करीबी साथी या परिवार के सदस्यों के हाथों मारी गईं. इसका मतलब है कि हर दस मिनट में एक महिला या लड़की घर के अंदर या परिवार के हाथों जान गंवा रही है.

इसके उलट पुरुषों की हत्याओं में केवल 11% मामलों में साथी या परिवार जिम्मेदार थे. यह अंतर हिंसा की प्रकृति और खतरे की गंभीरता को उजागर करता है. यूएन विमेन की नीति विभाग की निदेशक सारा हेंड्रिक्स ने कहा कि फेमिसाइड अकेले नहीं होता. यह अक्सर नियंत्रण, डराने-धमकाने, ऑनलाइन उत्पीड़न या डिजिटल हिंसा की शुरुआत से लेकर बढ़ते-बढ़ते जानलेवा रूप ले लेता है. उन्होंने चेतावनी दी कि डिजिटल हिंसा अक्सर ऑफलाइन भी फैलती है और कई बार महिलाओं की हत्या तक पहुंच जाती है.

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यूएनओडीसी के कार्यकारी निदेशक जॉन ब्रांडोलिनो ने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में ‘घर’ महिलाओं और लड़कियों के लिए सबसे खतरनाक जगह बन चुका है. उन्होंने महिलाओं की हत्या को रोकने के लिए बेहतर रणनीतियों, मजबूत कानूनों और प्रभावी आपराधिक न्याय व्यवस्था की जरूरत पर जोर दिया.

2025 की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह हिंसा दुनिया के लगभग हर क्षेत्र में मौजूद है. सबसे ज्यादा फेमिसाइड दर अफ्रीका (3 प्रति 1 लाख महिलाएं) में दर्ज की गई, जिसके बाद अमेरिका (1.5), ओशिआनिया (1.4), एशिया (0.7) और यूरोप (0.5) का स्थान आता है.

रिपोर्ट बताती है कि घर के बाहर यानी सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली फेमिसाइड का डेटा अभी भी सीमित है, जिसकी वजह से वास्तविक स्थिति का पूरा आकलन करना मुश्किल है. डेटा की कमी दूर करने के लिए यूएन विमेन और यूएनओडीसी 2022 के सांख्यिकीय फ्रेमवर्क के आधार पर देशों के साथ काम कर रहे हैं ताकि ऐसी हत्याओं की बेहतर पहचान, रिकॉर्डिंग और वर्गीकरण किया जा सके.

रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 2024 में परिवार/साथी के हाथों मारी गई महिलाओं की संख्या (50,000) पिछली रिपोर्ट (51,100) से थोड़ी कम जरूर है, लेकिन यह गिरावट वास्तविक कमी का संकेत नहीं है, बल्कि कई देशों में डेटा उपलब्धता में बदलाव की वजह से ऐसा दिख रहा है.

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16 Days Campaign क्या है? 

हर साल 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलने वाला 16 Days of Activism अभियान महिलाओं के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिए UN Women की पहल है. 2025 में यह अभियान डिजिटल हिंसा को खत्म करने पर केंद्रित है, जिसमें ऑनलाइन उत्पीड़न, स्टॉकिंग, जेंडर्ड डिसइन्फॉर्मेशन, डीपफेक्स और बिना अनुमति निजी तस्वीरें शेयर करने जैसी समस्याएं शामिल हैं. यह सभी तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ तेजी से बढ़ रही हैं. UN Women ने सरकारों, टेक कंपनियों और समुदायों से अपील की है कि कानूनों को मजबूत बनाया जाए, डिजिटल हिंसा पर सख्त कार्रवाई हो, और पीड़ितों के लिए सुरक्षित व सहायक वातावरण तैयार किया जाए.
 

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