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लेबनान में ग्राउंड अटैक के पीछे क्या है नेतन्याहू का मकसद? जानें- हिज्बुल्लाह को लिटानी नदी के पार क्यों खदेड़ना चाहता है इजरायल

इजरायल की रणनीति हिज्बुल्लाह को लेबनान की लिटानी नदी के उस पार खदेड़ने की है. इजरायल की वायुसेना के एयर स्ट्राइक, उससे पहले पेजर और वॉकी-टॉकी अटैक और अब तोपखाने के हमले के बाद पैदल सेना और बख्तरबंद गाड़ियों और टैंको से जमीनी हमले का मकसद इजरायल और लेबनान की सीमा के पास के सभी इलाकों से हिज्बुल्लाह को हटाना है. 

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इजरायल ने लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किया (फाइल फोटो)
इजरायल ने लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किया (फाइल फोटो)

लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर जहां इजरायल का ग्राउंड ऑपरेशन जारी है, वहीं हिज्बुल्लाह लगातार इजरायल पर मिसाइल दाग रहा है. इजरायली सेना ने दावा किया है कि हिज्बुल्लाह की ओर से मध्य इजरायल में मिसाइल दागी गई है. वीडियो जारी करते हुए उसने कहा कि हिज्बुल्लाह की मिसाइल सीधे मध्य इजरायल के एक अरब गांव कफर कासेम में गिरी. हिज्बुल्लाह जानता है कि इस इलाके में अरब आबादी रहती है. लेकिन हिजबुल्लाह को इस बात की परवाह नहीं है कि उसके निशाने पर कौन है या उसके साथ क्या होगा? उसका इरादा सिर्फ इजरायलियों को नुकसान पहुंचाने का है.

हिज्बुल्लाह के खिलाफ इजरायली कार्रवाई के बीच ईरानी सांसद और पूर्व संचार मंत्री रेजा तगहिपुर ने एक बड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि लेबनान में पेजर के साथ जो हुआ, वही ईरान में इस समय मौजूद आईफोन के साथ भी हो सकता है. ईरान के पूर्व मंत्री की चेतावनी है कि ईरान में आईफोन में विस्फोट हो सकता है. रेजा तगहिपुर ईरान के संचार मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में उनकी ये चेतावनी मायने रखती है. 17 सितंबर को लेबनान में हिज्बुल्लाह के आतंकियों के पास मौजूद पेजर एक साथ फटने लगे और लेबनान में खलबली मच गई थी. अब ईरान में आईफोन को लेकर ऐसी ही चेतावनी दी गई है.

लेबनान में क्या चाहता है इजरायल?

दरअसल इजरायल की रणनीति हिज्बुल्लाह को लेबनान की लिटानी नदी के उस पार खदेड़ने की है. इजरायल की वायुसेना के एयर स्ट्राइक, उससे पहले पेजर और वॉकी-टॉकी अटैक और अब तोपखाने के हमले के बाद पैदल सेना और बख्तरबंद गाड़ियों और टैंको से जमीनी हमले का मकसद इजरायल और लेबनान की सीमा के पास के सभी इलाकों से हिज्बुल्लाह को हटाना है. 

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दरअसल लेबनान की राजधानी बेरूत से लगभग 70 किलोमीटर दक्षिण में लिटानी नदी बहती है. यह लगभग 170 किलोमीटर लंबी नदी है और लेबनान में कृषि और पीने के पानी का दक्षिणी भाग में मुख्य स्रोत है. इजरायल-लेबनान सीमा से लिटानी नदी लगभग 28 किलोमीटर दूर है और सबसे करीब 6 किलोमीटर की दूरी नदी और सीमा की है. इस नदी के दक्षिण में लगभग 2 लाख लोग रहते हैं, जिसमे 75 प्रतिशत शिया मुस्लिम समुदाय के हैं और 25 प्रतिशत सुन्नी इस्ताम, ड्रूज़ और इसाई हैं. 

UN के 2006 के रिजोल्यूशन का हो पालन

इज़रायल चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र के 2006 के रिजोल्यूशन संख्या 1701 का पालन करते हुए हिज़्बुल्लाह नदी के पश्चिम में चला जाए. लेकिन क्योंकि इस क्षेत्र में अधिकतर 75 प्रतिशत लोग शिया मुस्लिम हैं, इसीलिए हिज़्बुल्लाह यहां से जाना नहीं चाहता. इस बार इज़रायल की कोशिश है कि हिज्बुल्लाह के नेताओं और कमांडरो को मार कर उसे कमजोर किया जाए ताकि हिज़्बुल्लाह उत्तर इजरायल के लोगों के निशाना न बना सके.

ईरान में आईफोन विस्फोट की आशंका

बता दें कि लेबनान में पेजर धमाके के बाद अब ईरान में आईफोन विस्फोट की आशंका जताई जाने लगी है. ईरान के पूर्व कम्युनिकेशन मंत्री और सांसद रेजा टैगिपुर ने यह चेतावनी दी. पिछले हफ्तों में लेबनान में पेजर से लेकर वॉकी-टॉकी तक में विस्फोट की घटनाएं हुई थी और रेडियो सिस्टम तक को हैक करने का मामला सामने आया था. इसमें ईरानी राजदूत समेत रिवॉल्यूशनरी गार्ड के कई जवान भी घायल हो गए थे.

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जंग के बीच कैसा है लेबनान में माहौल

लेबनान-इजरायल में जारी जंग के बीच आलम यह है कि लोग लेबनान छोड़कर सीरिया की ओर जाने लगे हैं. आजतक संवाददात को भी बॉर्डर पर लेबनान की ओर से सीरिया जाने वालों की भारी भीड़ देखने को मिली. अब जब इजरायल ने लेबनान पर जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं तो यहां भीड़ बढ़ने लगी है. लोग जान बचाने के लिए भाग रहे हैं. सड़कों पर सन्नाटा है. लोगों में डर का माहौल है. हालात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि लेबनानी सरकार के दावों की मानें तो इजरायली हमले में अब तक उसके 1000 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है और लाखों लोगों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इजरायली हवाई हमलों के कारण हताहतों की संख्या में वृद्धि के कारण अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है.

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