पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पिछले दिनों एक विशेष पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा क्षतिग्रस्त की गई सिख साम्राज्य के पहले शासक महाराजा रणजीत सिंह (Maharaja Ranjit Singh) की प्रतिमा की मरम्मत का काम पूरा हो गया है. जल्द ही इस प्रतिमा को दोबारा से लाहौर के किले में स्थापित किया जाएगा.
इस बार महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को कोई भी नुकसान न पहुंचा सके, इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं. पाकिस्तान के स्थानीय अखबारों की रिपोर्ट के मुताबिक लाहौर के किले में मूर्ति को दोबारा से लगाने के लिए इसे दूसरे रास्ते से वहां पहुंचाया जाएगा.
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, नौ फुट की प्रतिमा, कांस्य से बनी है. इसकी मरम्मत फकीर खाना संग्रहालय द्वारा की गई है जिसके तत्वावधान में इसे मूल रूप से 2019 में तराशा गया था.
3 बार क्षतिग्रस्त हो चुकी है प्रतिमा
लाहौर के किले में स्थापित की गई महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को अब तक 3 बार नुकसान पहुंचाया जा चुका है. आखिरी बार अगस्त 2021 में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के एक सदस्य ने प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी थी. इससे पहले भी प्रतिमा को 2019 और 2020 में धार्मिक समूहों के सदस्यों द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया था. महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा लाहौर के किले में स्थापित करने का विरोध करते हुए धार्मिक समूह के सदस्यों ने कहा था कि उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान मुसलमानों पर अत्याचार किया था.
भारत ने की थी मूर्ति के क्षतिग्रस्त होने की निंदा
भारत ने इस बर्बरता के कृत्य की निंदा करते हुए कहा था कि पाकिस्तान ऐसे हमलों को रोकने के अपने कर्तव्य में पूरी तरह विफल रहा है. इससे अल्पसंख्यक समुदायों में भय का माहौल पैदा कर रहे है. बता दें कि महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के संस्थापक थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में उत्तर पश्चिमी भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन किया था. उनकी मूर्ति को फकीर खाना संग्रहालय के निदेशक फकीर सैफुद्दीन की देखरेख में बनाया गया था.