अमेरिका ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिरकत वाले एक समारोह के दौरान भारत को 200 से ज्यादा सांस्कृतिक कलाकृतियां लौटा दीं. इन कलाकृतियों की कीमत लगभग 10 करोड़ डॉलर है.
पीएम मोदी ने ब्लेयर हाउस में आयोजित एक समारोह के दौरान कहा, ‘कुछ लोगों के लिए इन कलाकृतियों की कीमत मुद्रा के रूप में हो सकती है, लेकिन हमारे लिए यह इससे कहीं ज्यादा है. यह हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है.’ अमेरिका की ओर से लौटाई गई चीजों में धार्मिक मूर्तियां, कांसे और टैराकोटा की कलाकृतियां शामिल हैं. इनमें से कई कलाकृतियां तो 2000 साल पुरानी हैं. इन्हें भारत के सबसे संपन्न धार्मिक स्थलों से लूटा गया था.
Here are pictures of some of the artefacts. pic.twitter.com/Q4PWMOee2X
— Narendra Modi (@narendramodi) June 7, 2016
भगवान गणेश की मूर्ति भी मिली
इनमें एक मूर्ति संत माणिककविचावकर की है, जो चोल काल (850 ईसा पश्चात से 1250 ईसा पश्चात) के तमिल कवि थे. इस मूर्ति को चेन्नई के सिवान मंदिर से चुराया गया था. इसकी कीमत 15 लाख डॉलर है. इसके अलावा लौटाई गई चीजों में भगवान गणेश की एक कांसे की मूर्ति भी है, जो 1000 साल पुरानी मालूम होती है.
सामान लौटाना भारत के प्रति सम्मान
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल लोरेटा ई मिंच ने कहा कि भारत के शानदार इतिहास और खूबसूरत संस्कृति को बयां करने वाली ये कलाकृतियां अपने घर वापस जाने के सफर की शुरूआत कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘यह मेरी और अमेरिकी लोगों की उम्मीद है कि इस सामान को स्वदेश लौटाया जाना भारत की संस्कृति के प्रति हमारे बेहद सम्मान का, इसकी जनता के प्रति हमारी गहरी सराहना और दोनों देशों के बीच के संबंधों के प्रति हमारी प्रशंसा का प्रतीक बनेगा.’
ऑपरेशन हिडन आइडल के दौरान बरामद हुआ सामान
गृह सुरक्षा मंत्री जेह जॉनसन ने एक बयान में कहा, ‘हमारे वैश्विक समुदाय की सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा करना अहम काम है और हम इस कीमती सामान के मूल देशों और असल मालिकों की पहचान करने और इन्हें लौटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं’ इनमें से अधिकतर सामान ऑपरेशन हिडन आइडल के दौरान बरामद किए गए थे. यह जांच वर्ष 2007 में शुरू हुई थी. इस मामले में आर्ट ऑफ द पास्ट गैलरी का मालिक सुभाष कपूर हिरासत में लिया गया था. उस पर भारत में मुकदमा चल रहा है.