कनाडा में जी-7 बैठक और सिंगापुर में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ ऐतिहासिक मुलाकात के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने देश पहुंच चुके हैं. अमेरिका की धरती पर उतरते ही राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि एक लंबी यात्रा के बाद अभी अमेरिका की धरती पर उतरा हूं, जिस दिन मैंने कार्यालय संभाला था उसकी तुलना में आज सभी लोग सुरक्षित महसूस कर रहे होंगे. उत्तर कोरिया से अब परमाणु खतरा नहीं है.
ट्रंप ने आगे लिखा कि किम जोंग उन के साथ बैठक दिलचस्प और बहुत सकारात्मक अनुभव था. उत्तरी कोरिया में भविष्य के लिए बड़ी क्षमता है. ट्रंप ने लिखा कि राष्ट्रपति पद संभालने से पहले लोगों को लग रहा था कि हम उत्तर कोरिया के साथ युद्ध के लिए जा रहे हैं. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि उत्तर कोरिया हमारे लिए खतरा है. अब ऐसा नहीं है. चैन से सोएं.
Just landed - a long trip, but everybody can now feel much safer than the day I took office. There is no longer a Nuclear Threat from North Korea. Meeting with Kim Jong Un was an interesting and very positive experience. North Korea has great potential for the future!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 13, 2018
ट्रंप और किम की मुलाकात से फ्रांस हुआ अलर्टBefore taking office people were assuming that we were going to War with North Korea. President Obama said that North Korea was our biggest and most dangerous problem. No longer - sleep well tonight!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 13, 2018
इस बीच ट्रंप और किम के बीच हुई ऐतिहासिक मुलाकात के बाद यूरोपीय देश फ्रांस अलर्ट हो गया है. फ्रांस के विदेश मंत्री जीन येव्स ले ड्रिन ने अमेरिकी विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा कि मंगलवार ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच हुई ऐतिहासिक शिखर वार्ता 'निस्संदेह रूप से आगे की दिशा में उठाया गया एक कदम' है लेकिन उन्होंने ट्रंप के कूटनीतिक दांव को लेकर चिंता जताई.
उन्होंने कहा कि केवल एक दिन के अंतराल में राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका के पुराने सहयोगी (कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन) ट्रूडो पर हमला किया एवं क्यूबेक (कनाडा) में जी 7 की बैठक के बाद सहयोगी देशों के उलट रुख अपनाया और फिर अगले दिन एक कम्युनिस्ट तानाशाही की उपज एक तानाशाह (किम) को करीब-करीब गले लगाया जबकि कुछ ही दिन पहले उन्होंने कहा था कि वह (ट्रंप) उनके (किम) पूरी तरह खिलाफ हैं. जीन येव्स ले ड्रिन ने कहा कि हम एक अस्थिर स्थिति में हैं.
परमाणु परीक्षण स्थलों को नष्ट करेगा उत्तर कोरिया
मंगलवार को सिंगापुर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच ऐतिहासिक मुलाकात हुई. दोनों देशों के बीच हुई ये बैठक काफी सकारात्मक रही. दोनों ही नेताओं ने अमेरिका और उत्तर कोरिया की 70 साल की दुश्मनी को एक मुलाकात में खत्म कर दिया.
बात-बात पर परमाणु हमले की धमकी देने वाले उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण स्थलों को नष्ट करने का ऐलान किया है, तो दूसरी ओर अमेरिका ने कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य अभ्यास बंद करने की बात कही.
ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के साथ ऐतिहासिक वार्ता के बाद कहा कि अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य अभ्यास करना बंद कर देगा, लेकिन उसके परमाणु परीक्षणों को लेकर उस पर प्रतिबंध फिलहाल लगा रहेगा. ट्रंप ने कहा कि हम सैन्य अभ्यास बंद कर देंगे, जिससे काफी धन की बचत होगी. उन्होंने कहा कि वह सैन्य अभ्यास बंद करने के लिए सहमत हुए हैं, क्योंकि वह इसे बहुत ही उकसाने वाला मानते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वो दक्षिण कोरिया में तैनात अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाना चाहते हैं, जैसा कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था. ट्रंप ने कहा कि मैं अपने सैनिकों को वहां से हटाना चाहता हूं. मैं अपने सैनिकों को स्वदेश बुलाना चाहता हूं. मुझे आशा है कि यह आखिरकार होगा.
कोरियाई प्रायद्वीप में 30 हजार अमेरिकी सैनिक हैं तैनात
अमेरिका और दक्षिण कोरिया सुरक्षा के मामले में सहयोगी देश हैं. करीब 30,000 अमेरिकी सैनिक दक्षिण कोरिया में तैनात हैं. वे उत्तर कोरिया से उसे बचाने के लिए वहां रखे गए हैं, जिसने 1950 में आक्रमण किया था.
दोनों देश हर साल संयुक्त सैन्य अभ्यास करते रहे हैं, जो उत्तर कोरिया के लिए हमेशा से चिंता का विषय रहा है. उत्तर कोरिया लंबे समय से युद्ध अभ्यास बंद करने का अनुरोध करता रहा है और खुद भी बार-बार मिसाइल परीक्षण करता रहा है, जिससे संबंधों में तनाव आया.