अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने भारत, रूस और चीन के नए गठजोड़ के पीछे उनके अपने हित छिपे हैं, क्योंकि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में हर साल ऐसा ही होता है. ये सभी बुरे लोग हैं, भारत-रूसी युद्ध को बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने ये बातें फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कही हैं.
इंटरव्यू के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए बेसेन्ट ने भारत के पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हाल ही में हुई मुलाकात को लेकर चिंताओं को खारिज कर दिया और कहा कि ये शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का एक नियमित आयोजन है, जो सिर्फ दिखावा है. साथ ही उन्होंने भारत-रूस और चीन को 'बैड एक्टर' करार दिया है.
'रूसी युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं भारत-चीन'
वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा, 'भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है. इसके मूल्य रूस की तुलना में हमारे और चीन के ज्यादा करीब हैं.' हालांकि, उन्होंने भारत और चीन दोनों को बुरा करार देते हुए कहा कि देखिए, ये बुरे लोग हैं...भारत और चीन रूसी युद्ध तंत्र को बढ़ावा दे रहा हैं... मुझे लगता है कि एक वक्त ऐसा आएगा जब हम और हमारे सहयोगी देश आगे आएंगे. इन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे.
'भारत-US निकाल लेंगे हल'
द्विपक्षीय संबंधों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत की नींव मजबूत है और इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों लोकतंत्र अपने मतभेदों को सुलझाने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा, 'दो महान देश मिलकर इस समस्या का समाधान निकालेंगे.'
बेसेन्ट ने भारत के रूसी तेल आयात को लेकर कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा, 'भारत-रूसी तेल खरीदकर और फिर उसे रिफाइंड उत्पादों के रूप में बेचकर रूस-यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रहा है. ये स्वीकार्य नहीं है.'
उन्होंने भारत के साथ व्यापार वार्ता में धीमी प्रगति को भी अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर टैरिफ बढ़ाने का एक प्रमुख कारण बताया. उन्होंने कहा कि सभी चीजों का हल बातचीत से होगा, क्योंकि ट्रंप प्रशासन यूक्रेन पर बढ़ते हमले के कारण रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है.
भारत ने की जीरो टैरिफ की पेशकश: ट्रंप का दावा
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि भारत के साथ व्यापार पूरी तरह से एकतरफा आपदा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के हाई टैरिफ के कारण अमेरिका-भारत में सामान बेचने में असमर्थ रहा है.
उन्होंने कहा, 'भारत हमें भारी मात्रा में सामान बेचता है, लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेच पाते हैं. इसका कारण भारत के ज्यादा टैरिफ हैं जो किसी भी देश में सबसे अधिक हैं. ये एकतरफा रिश्ता दशकों से चला आ रहा है.'
ट्रम्प ने दावा किया कि भारत ने अब अपने टैरिफ को शून्य करने की पेशकश की है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की संभावना बढ़ सकती है.
दरअसल, अमेरिका ने हाल ही में भारत के सामानों पर 25% टैरिफ लगाया था. इसके अलावा भारत द्वारा रूसी तेल व्यापार को कम करने की मांग को ठुकराने के बाद एक और 25% टैरिफ लगाया गया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया.