रूस के हमलों से प्रभावित होकर पलायन करने वाले यूक्रेन के लोगों की मदद के लिए अब ताइवान भी आगे आ गया है. विदेश मंत्री जेशेफ वू ने बताया कि ताइवान के लोगों ने यूक्रेन के लोगों की मदद के लिए 10.6 मिलियन डॉलर (77 करोड़ रुपये ) से अधिक दान किए हैं. पोलैंड में ताइवान के प्रतिनिधि कार्यालय पहली किस्त के तौर पर 3.55 मिलियन डॉलर (करीब 27.50 करोड़ रुपये) एक शरणार्थी एजेंसी को देगा. इसके अलावा ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन, उपराष्ट्रपति विलियम लाई और प्रीमियर सु त्सेंग-चांग ने कहा है कि वे यूक्रेन के लोगों की मदद के लिए एक-एक महीने का वेतन देंगे.
'यूक्रेनियों की लड़ाई ताइवान के लिए प्रेरणा'
विदेश मंत्री ने कहा कि बड़ी विपत्ति के बावजूद यूक्रेन की सरकार और लोग जबरदस्त साहस और दृढ़ता के साथ लड़ रहे हैं. मैं दिल से कहता हूं कि हमें सत्तावादी ताकतों से मिल रहीं धमकियों का सामना करने रहे आपका (यूक्रेन के लोगों का) साहस ताइवान के लोगों के लिए एक प्रेरणा है. "वू ने कहा कि ताइवान के लोगों में यूक्रेन के लोगों के प्रति सहानुभूति है. ताइवान के लोगों की तरह मैं भी कहता हूं, 'मैं यूक्रेनी हूं." वू ने एक बड़े यूक्रेनी ध्वज के सामने बैठकर कहा, "ताइवान यूक्रेन के साथ खड़ा है."
रूसी हमले के बाद ताइवान और अलर्ट
यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से ताइवान ने अपने अलर्ट का स्तर बढ़ा दिया है, हालांकि उसने अभी तक चीन द्वारा किसी असामान्य सैन्य गतिविधि की सूचना नहीं दी है. मालूम हो कि स्वशासित ताइवान पर चीन अपना दावा करता है. चीन ने जरूरत पड़ने पर बल द्वारा ताइवान पर अपना कब्जा करने की बात कह चुका है.
27 टन मेडिकल सप्लाई भेजी
ताइवान में पोलैंड के राजदूत्र साइरिल कोजाजेव्स्की ने यूक्रेनियों शरणार्थियों की मदद के लिए 27 टन चिकित्सा आपूर्ति पोलैंड भेजने के लिए ताइवान को धन्यवाद दिया. ताइवान भी रूस पर पश्चिमी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों में शामिल हो गया है, हालांकि रूस के साथ उसका अपना व्यापार बहुत कम है.
युद्ध रुकवाने के लिए चीन आया आगे
ताइवान का दुश्मन चीन भी रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करवाने के लिए पीछे नहीं रहा. चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि चीन 'जरूरी मध्यस्थता' करने को तैयार है. यूक्रेन के संकट का समाधान करने के लिए चीन हर तरह की कोशिश करेगा. चीन का रेड क्रॉस जल्द से जल्द यूक्रेन में सहायता भेजने जा रहा है. हालांकि वह यह कहना नहीं भूले की रूस के साथ चीन की दोस्ती अभी भी चट्टान की तरह अडिग है.