साइबेरिया में कुछ लोगों ने सूखी घास में आग लगाई जिसके बाद आग से उठी भयावह लपटों में 17 लोग मारे गये और 460 से ज्यादा लोग जख्मी हो गये. दक्षिण पूर्व साइबेरिया के खाकासिया क्षेत्र में आग को काबू पाने के लिए 5000 से ज्यादा बचाव कर्मी रात भर लगे रहे.
इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने जानकारी के आधार पर कहा कि पूर्वी साइबेरिया में भी आग लगने से दो लोगों की मौत हो गयी. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खाकासिया में आपातकालीन सेवाओं के कामकाज का व्यक्तिगत रूप से समन्वय किया.
अधिकारियों ने आग लगने की खास वजह लोगों की लापरवाही बताई है. उनका कहना है कि लोगों ने अधिक तापमान और तेज हवाओं के बीच सूखी घास में आग लगा दी. आपातकालीन उप मंत्री अलेक्जेंद्र कुप्रियान ने खाकासिया में लगी आग का उल्लेख करते हुए कहा, 'अगर कोई आदमी आग का खेल नहीं करता तो आग नहीं लगती. यह काम बच्चे नहीं, वयस्क लोग कर रहे थे.' राष्ट्रीय टेलीविजन ने कहा कि आग इतनी भयावह थी कि लपटें तीन मीटर की ऊंचाई तक उठीं.
क्षेत्रीय एजेंसियों की प्रवक्ता इरिना इमेलियानोवा ने कहा कि आग में कुल 468 लोग घायल हो गये और 77 को अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती लोगों में से आठ गंभीर हालत में हैं. उन्होंने कहा, रविवार को तापमान 25 डिग्री सेल्सियस था और तूफानी हवाएं भी चल रहीं थीं, इस वजह से आग लग गयी. अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि इस हादसे में कम से कम 700 मवेशी और करीब 3000 भेड़ भी मारी गयीं है.
अधिकारियों ने चिंता जताई कि जीवित बचे मवेशियों को अब दूर दूर तक घास खाने को नहीं मिलेगी क्योंकि बड़ा क्षेत्र जल गया है.
- इनपुट भाषा