
थाईलैंड-कंबोडिया की जंग अब और भी भीषण होती चली जा रही है. पहले ही दिन इस जंग में थाईलैंड के 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 46 लोग घायल हो चुके हैं. ये आंकड़े थाईलैंड के सरकारी अधिकारियों ने जारी किए हैं. थाईलैंड के अधिकारियों ने कहा है कि हमले की वजह से सवा लाख लोगों का पलायन हो चुका है.
इस हमले में थाईलैंड F-16 लड़ाकू विमानों से कंबोडिया को निशाना बना रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार F-16 के हमले में कंबोडिया के सैन्य ठिकाने तबाह रहे हैं. कंबोडिया के अनुसार प्रीह विहार मंदिर के नजदीक एक सड़क पर दो बम गिरे हैं.
इस बीच शुक्रवार सुबह (25 जुलाई) को भी दोनों देशों ने एक दूसरे के ठिकानों पर हमले किए हैं. थाईलैंड की सेना ने बताया कि शुक्रवार तड़के दूसरे दिन भी थाई और कंबोडियाई सैनिकों के बीच सीमा पर झड़पें हुईं. कंबोडिया ने तोपखाने और रॉकेट सहित भारी हथियारों का इस्तेमाल किया.
थाई सेना ने एक बयान में कहा, "कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए लगातार बमबारी की है." "थाई सेना ने सामरिक स्थिति के अनुसार उचित समर्थन फायरिंग से जवाब दिया है."
थाई हमले में नष्ट हो गए पैगोड़ा
कंबोडिया के अखबार खामेर टाइम्स के अनुसार सिएम रीप राज्य में एक पैगोड़ा पर थाईलैंड की वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने हमला किया. इसके बाद बौद्ध भिक्षुओं के एक समूह को वहां से भागना पड़ा. बता दें कि बौद्ध समुदाय के धार्मिक स्थल को पैगोड़ा कहते हैं.

यह घटना 24 जुलाई की सुबह हुई जब कथित तौर पर थाई लड़ाकू विमानों ने प्रसात ता मोआन सेन्चे पैगोडा पर तीन बम गिराए. थाईलैंड के हमले में जिससे यह पवित्र स्थल पूरी तरह नष्ट हो गया. इस हमले ने सीमावर्ती समुदायों में भय को बढ़ा दिया है और लोग इलाके को छोड़कर भाग रहे हैं.
भिक्षु और ग्रामीण अपने पांरपारिक लिबास में केवल बुनियादी सामान लेकर रात भर शरण की तलाश में यात्रा करते रहे. गुरुवार तड़के कई लोग सिएम रीप पहुंचते देखे गए. ये भय से कांप रहे थे और थके हुए दिखाई दे रहे थे.
सांस्कृतिक धरोहरों को नुकसान
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शुरु हुई इस लड़ाई से सैकड़ों साल पुराने मंदिरों और बौद्ध विहारों को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है. विशेष रूप से ता मुएन थॉम और प्रियाह विहार मंदिरों के आसपास सांस्कृतिक विरासत पर खतरा मंडरा रहा है.
इस संघर्ष में दोनों देशों की सेनाओं ने भारी हथियारों, जैसे बीएम-21 रॉकेट लांचर, तोपखाने और थाई F-16 जेटों से हमले किए, जिससे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल प्रियाह विहार मंदिर को काफी क्षति पहुंची. खमेर-युग के ता मुएन थॉम मंदिर के आसपास भी गोलीबारी और बमबारी से ऐतिहासिक संरचनाएं खतरे में हैं. ये प्रचानी मंदिर दोनों देशों की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक हैं.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मंदिरों की रक्षा के लिए तत्काल युद्धविराम की मांग की है.
देश की संप्रभुता की रक्षा करनी होगी-थाईलैंड
बता दें कि थाईलैंड ने इस जंग में कंबोडिया पर भारी मिसाइलों से हमले का आरोप लगाया है. कार्यवाहक थाई प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि झड़प में कंबोडियाई पक्ष ने भारी हथियारों का इस्तेमाल किया.
फुमथम ने कहा, "हम समस्या के समाधान के लिए शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत के लिए प्रतिबद्ध हैं. हालांकि हमें अपनी रक्षा करनी होगी और अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करनी होगी."
थाईलैंड के गृह मंत्रालय ने हमले से प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है. फुमथम ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए थाई शिक्षा मंत्रालय ने प्रभावित सीमावर्ती इलाकों के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है.
थाई कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने बताया कि थाईलैंड के लोक स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीमा के पास स्थित जिला अस्पतालों को फील्ड अस्पतालों में बदल दिया है और मरीजों को अग्रिम पंक्ति के पीछे सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है.

गुरुवार सुबह शुरू हुई झड़पों के बाद स्थिति और बिगड़ गई, दोनों पक्षों ने गोलीबारी शुरू करने के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया.
कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने थाईलैंड से तुरंत ऐसी किसी भी कार्रवाई को न करने को कहा है कि जिससे स्थिति और बिगड़ जाएं. उन्होंने थाईलैंड से अपनी सेनाओं को सीमा के अपने हिस्से में वापस बुलाने और आगे ऐसी किसी भी भड़काऊ कार्रवाई से बचने का आह्वान किया जिससे स्थिति और बिगड़ सकती हो.
हुन मानेट ने थाईलैंड पर अंतर्राष्ट्रीय कानून के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
कंबोडिया की सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि थाई सेना ने ओड्डार मीनचे और प्रीह विहार प्रांतों में आठ ठिकानों पर हमले किए हैं. इनमें तमोन थॉम, ता क्रबे, फनोम ट्रोप, वील इंट्री, ता थाव, फनोम खमोच, ओ'फका स्ने और मोम बेई शामिल हैं.
कंबोडियाई सेना की प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल सोचेता ने कहा कि कंबोडियाई सेना अब कंबोडियाई क्षेत्र के भीतर ता क्रबे मंदिर और मोम बेई क्षेत्र पर अपना पूर्ण नियंत्रण कर ली है और तमोन थॉम मंदिर परिसर में अपनी मजबूत स्थिति बनाए हुए है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि कंबोडिया की ओर से किए गए सभी सैन्य हमले आत्मरक्षा के लिए किए गए थे.