मार्क जकरबर्ग के थ्रेड्स और एलन मस्क के ट्विटर के बीच जारी विवाद में अब तालिबान ने अपनी एंट्री कर ली है. तालिबान सरकार में शामिल हक्कानी ग्रुप का प्रमुख अनस हक्कानी ने ट्विटर की तारीफ करते हुए कहा कि अन्य प्लेटफॉर्म ओरिजनल माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म की जगह नहीं ले सकते. उसने आधिकारिक तौर पर ट्विटर का समर्थन किया। हक्कानी ने पोस्ट किया,'अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की तुलना में ट्विटर के दो महत्वपूर्ण फायदे हैं. पहला-'फ्रीडम ऑफ स्पीच' और दूसरा ट्विटर का पब्लिक नेचर और विश्वसनीयता.'
हक्कानी के अनुसार, ट्विटर की खुले संवाद की अनुमति देने की प्रतिबद्धता और इसकी कथित विश्वसनीयता इसे इसके प्रतिद्वंद्वियों विशेषकर मेटा (फेसबुक) से अलग करती है. हक्कानी ने कहा कि असहिष्णु नीतियों के अभाव के कारण कोई भी दूसरा मंच ट्विटर की जगह नहीं ले सकता. यह हैरानी की बात है कि तालिबान एक अलग नजरिया रखते हुए ट्विटर की तारीफ कर रहा है. वास्तव में, जब मस्क ने जनवरी में ब्लू वैरिफिकेशन चेकमार्क को बेचने की पेशकश शुरू की थी तब तालिबान के दो अधिकारियों ने इसे खरीदा भी था. मालूम हो कि फेसबुक और टिकटॉक दोनों तालिबान को एक आतंकवादी संगठन मानता है, इसलिए उन्होंने इस संगठन की पोस्टिंग पर बैन लगाया हुआ है.
थ्रेड्स लॉन्च होते ही विवादों में घिर गया है. दरअसल, ट्विटर ने थ्रेड्स को लेकर मेटा पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. एलन मस्क का कहना है कि प्रतिस्पर्धा ठीक है, लेकिन धोखाधड़ी नहीं. थ्रेड्स का इंटरफेस ट्विटर जैसा है. मस्क के वकील एलेक्स स्पिरो ने मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है.
उन्होंने ट्विटर की बिजनेस की सीक्रेट इंफॉर्मेशन, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी का अवैध इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. आरोप लगाया कि मेटा ने ऐसे लोगों की नौकरी दी है, जिन्हें ट्विटर के व्यापार की गोपनीय जानकारी के बारे पता था. वहीं मेटा के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने थ्रेड्स पोस्ट में कहा कि थ्रेड्स की इंजीनियरिंग टीम में ट्विटर का कोई भी पूर्व कर्मचारी नहीं है.