बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आरोप लगाया है कि देश-विरोधी और स्वतंत्रता विरोधी ताकतों ने गैरकानूनी रूप से सत्ता पर कब्जा कर लिया है और वे बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. बंगाली नववर्ष 'पोहेला बोइशाख' के अवसर पर दिए एक बयान में उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इन 'हथियाने वालों' को बाहर निकालें.
77 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जो अब भारत में निर्वासन में रह रही हैं, ने कहा, 'आज बांग्लादेश में स्वतंत्रता विरोधी ताकतों ने गैरकानूनी रूप से सत्ता हथिया ली है. वे सक्रिय रूप से बंगाली संस्कृति को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं.'
सरकार ने बदला 'मंगल शोभायात्रा' का नाम
हसीना का कहना है कि जब भी अतीत में ऐसी ताकतों को सत्ता मिली, उन्होंने देश के इतिहास, विरासत और संस्कृति पर हमला किया. उन्होंने न केवल 'मंगल शोभायात्रा' को रोकने की कोशिश की, बल्कि उसका नाम बदलने का प्रयास भी किया.
हसीना ने वर्तमान सरकार को 'राष्ट्र-विरोधी और संस्कृति-विरोधी' करार देते हुए कहा, 'आइए हम इन ताकतों को बाहर निकालें और बांग्लादेश को वैश्विक मंच पर सम्मान के साथ खड़ा करें.' इस साल बांग्लादेश सरकार ने पारंपरिक 'मंगल शोभायात्रा' का नाम बदलकर 'आनंद शोभायात्रा' कर दिया है.
कट्टरपंथी इस्लामी समूहों ने की थी नाम बदलने की मांग
यह कदम तब उठाया गया जब हिफाज़त-ए-इस्लाम जैसे कट्टरपंथी इस्लामी समूहों ने इसे 'हिंदू रीति' करार दिया और इसका नाम बदलने की मांग की. ढाका विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय, जो हर वर्ष इस शोभायात्रा का आयोजन करता है, ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस नाम परिवर्तन की घोषणा की.