पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गाजा संकट की तुलना सिंधु जल समझौते से कर दी है. उन्होंने ताजिकिस्तान में गाजा संकट का जिक्र किया और कहा कि आज दुनिया गाजा में पारंपरिक हथियारों के इस्तेमाल के कारण ताजा जख्म देख रही है, जिसने गहरे घाव छोड़े हैं. जैसे कि यह काफी नहीं था, अब हम एक नए खतरनाक निचले स्तर को देख रहे हैं - ये है पानी का हथियारों की तरह इस्तेमाल ."
पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार शहबाज शरीफ ने ताजिकिस्तान में कहा कि भारत पानी का हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है. लेकिन पाकिस्तान भारत को सिंधु जल समझौते पर लाल रेखा पार करने नहीं देगा.
अजरबैजान में भारत के जवाबी हमले में चोट खाने की बात स्वीकार कर चुके शहबाज शरीफ अभी ताजिकिस्तान में हैं. ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ग्लेशियरों के संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 29-31 मई तक आयोजित किया जा रहा है.
पर्यावरण संरक्षण के इस गंभीर मुंद्दे को शहबाज शरीफ ने अपने देश की आतंकवाद प्रायोजित विदेश नीति से जोड़ दिया है.
प्रधानमंत्री शहबाज ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "सिंधु बेसिन के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करने वाली सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का एकतरफा और अवैध निर्णय अत्यंत खेदजनक है."
بھارت کا سندھ طاس معاہدے کو یکطرفہ اور غیر قانونی طور پر معطل کرنا انتہائی افسوسناک ہے۔ لاکھوں انسانوں کی زندگیاں سیاسی مفادات کی نظر نہیں کی جا سکتیں، پاکستان اس اقدام کو کسی صورت قبول نہیں کرے گا۔
— Shehbaz Digital Media (@ShehbazDigital) May 30, 2025
~ وزیرِاعظم محمد شہباز شریف #PMShehbazInTajikistan 🇵🇰🇹🇯 pic.twitter.com/vyuuSDZDTu
शहबाज ने पाकिस्तान प्रायोजित पहलगाम आतंकी हमले पर चुप्पी साधी दक्षिण एशिया में स्थिति बिगड़ने की जिम्मेदारी भारत के सिर पर मढ़ने की कोशिश की.
ग्लेशियर पर यह आयोजन ताजिकिस्तान सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को, विश्व मौसम संगठन, एशियाई विकास बैंक और अन्य प्रमुख साझेदारों के सहयोग से जलवायु महत्वाकांक्षा, ग्लेशियर संरक्षण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में आयोजित किया जा रहा है.
शहबाज शरीफ ने कहा कि, "सिंधु बेसिन के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करने वाली सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का एकतरफा और अवैध निर्णय अत्यंत खेदजनक है."
भारत में पाकिस्तान की ओर से स्पॉन्सर आतंकवाद का दूर-दूर तक जिक्र किए बिना शहबाज शरीफ ने सिंधु जल समझौते का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए लाखों लोगों की जान को बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए और पाकिस्तान ऐसा नहीं होने देगा. हम कभी भी लाल रेखा को पार नहीं होने देंगे."
शहबाज शरीफ ने इजरायल और फिलीस्तीन के बीच विवाद की वजह से पैदा हुए गाजा जैसे संकट को भारत की ओर से सिंधु जल समझौते को स्थगित करने से जोड़ दिया. ऐसा करते हुए उन्होंने इस ओर अपने मेजबानों और दूसरे प्रतिनिधियों का ध्यान नहीं दिलाया कि भारत ने आखिर 1960 से चले आ रहे सिंधु जल समझौते को स्थगित क्यों किया.
सिंधु जल समझौते की मौजूदा स्थिति की चर्चा करते हुए शहबाज शरीफ ने बेहद आपत्तिजनक बयान दिया और कहा, "गाजा में पारंपारिक हथियारों के इस्तेमाल से जो ताजा जख्म पैदा हुए हैं, दुनिया उसकी साक्षी है. लगता है कि ये काफी नहीं था और अब हम पानी का एक निचले स्तर का हथियारों के रूप में इस्तेमाल देख रहे हैं."
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तान से सहायता प्राप्त आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष सैलानियों की निर्मम हत्या के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते का स्थगित कर दिया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में कहीं इसका जिक्र नहीं किया. और वे एकतरफा, अनर्गल, प्रलाप करते रहे.
बता दें कि इस सप्ताह के आरंभ में प्रधानमंत्री शरीफ और उनके प्रतिनिधिमंडल, जिसमें सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर भी शामिल थे, ने तुर्की, ईरान और अजरबैजान का दौरा किया है. यहां भी शहबाज शरीफ ने आतंकवाद पर पाकिस्तान के रूप की चर्चा नहीं की और भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाया.