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'भारत को आत्मरक्षा का अधिकार...', रूसी विदेश मंत्री संग SCO मीटिंग में बोले एस जयशंकर

रूस में SCO बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और SCO को बदलते हालात के अनुरूप ढलना चाहिए. वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, निष्पक्ष व्यापार और व्यापक सहयोग पर भी जोर दिया.

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एससीओ मीटिंग में एस जयशंकर की दो टूक (File Photo: ITG)
एससीओ मीटिंग में एस जयशंकर की दो टूक (File Photo: ITG)

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को रूस में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शासनाध्यक्ष परिषद की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि दुनिया को आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' दिखाना चाहिए. भारत ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद का कोई औचित्य, कोई नजरअंदाज या कोई 'सफेदपोश' नहीं हो सकता है. 

जयशंकर ने कहा कि भारत ने दिखाया है कि उसे आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है और वह इसका इस्तेमाल करेगा. भारत का मानना ​​है कि SCO को बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल ढलना चाहिए.

जयशंकर ने कहा कि SCO की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की तीन बुराइयों से लड़ने के लिए हुई थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि हाल के वर्षों में यह खतरा और गंभीर हो गया है. दुनिया के लिए यह जरूरी है कि वह आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाए और किसी भी तरह से नजरअंदाज न करे.

SCO की स्थापना और भारत का योगदान

SCO की स्थापना 2001 में रूस, चीन, किर्गिज़ गणराज्य, कज़ाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में की गई थी. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने. जुलाई 2023 में ईरान इस ग्रुप का नया स्थायी सदस्य बना. विदेश मंत्री ने कहा कि हम इन उद्देश्यों में सकारात्मक और पूर्ण योगदान देंगे.

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वैश्विक आर्थिक स्थिति पर चिंता...

जयशंकर ने वैश्विक आर्थिक स्थिति का आकलन करते हुए कहा कि यह मौजूदा वक्त में विशेष रूप से अनिश्चित और अस्थिर है. सप्लाई साइड जोखिम मांग पक्ष की जटिलताओं से बढ़ गए हैं. परिणामस्वरूप, जोखिम को कम करने और विविधता लाने की तत्काल जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह तभी सबसे अच्छा किया जा सकता है जब हममें से ज्यादा से ज्यादा लोग व्यापक मुमकिन आर्थिक संबंध स्थापित करें.

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निष्पक्ष व्यापार और सहयोग की जरूरत

विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसा होने के लिए, यह जरूरी है कि यह प्रक्रिया 'निष्पक्ष, पारदर्शी और न्यायसंगत' हो. जयशंकर ने कहा कि SCO के कई सदस्यों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों को खत्म करने के लिए भारत की कोशिशें प्रासंगिक हैं. उन्होंने जोर दिया कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि लोगों से लोगों का आदान-प्रदान किसी भी वास्तविक संबंध का मूल है.

जयशंकर ने कहा कि एक सभ्यतागत राज्य के रूप में, भारत SCO में हमारे बुद्धिजीवियों, कलाकारों, खिलाड़ियों और सांस्कृतिक हस्तियों के बीच ज्यादा बातचीत को सुविधाजनक बनाने में विश्वास रखता है. 

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