सऊदी अरब और ईरान के रिश्तों में धीरे-धीरे ही सही लेकिन नरमी देखी जा रही है. अब सऊदी एयरलाइन्स ने 2015 के बाद पहली बार ईरान के लिए फ्लाइट्स फिर से शुरू की है. ये फ्लाइट्स ईरान के हज यात्रियों के लिए शुरू की गई है.
सऊदी नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए कहा, 'Flynas (सऊदी अरब की एयरलाइंस) ने शनिवार को तेहरान के इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से ईरानी हाजियों के लिए फ्लाइट्स फिर से शुरू कर दी हैं.'
अधिकारी ने बताया कि ईरान के पूर्वोत्तर शहर मशहद से भी उड़ानें रवाना होंगी, जिससे 35,000 से अधिक ईरान के हज यात्री एयरलाइन के जरिए सऊदी अरब जा सकेंगे. ये फ्लाइट्स खासकर हज यात्रियों के लिए चलाई जा रही हैं जो इस बार जून में शुरू हो रहा है.
इससे पहले, ईरान के लोगों को केवल हज सीजन के दौरान ईरानी चार्टर्ड फ्लाइट्स के जरिए ही सऊदी अरब की यात्रा करने की इजाजत थी. हज यात्रियों का समूह किराए पर विमान लेकर सऊदी आता था.
दोनों देशों के बीच फ्लाइट सर्विस का फिर से शुरुआत होना दोनों देशों के बीच मधुर होते संबंधों का एक और संकेत है. एक दशक पहले सऊदी अरब और ईरान के संबंध बेहद खराब हो गए थे जो चीन की मध्यस्थता से ठीक हुए.
सऊदी अरब और ईरान क्यों बने दुश्मन?
सऊदी अरब और ईरान मध्य-पूर्व के दो कट्टर विरोधियों के रूप में जाने जाते रहे हैं और दोनों ही देशों में एक-दूसरे पर विश्वास की कमी है. ऐतिहासिक रूप से दोनों देश एक-दूसरे के विरोधी रहे हैं जिनमें कभी करीबी नहीं देखी गई. दोनों देशों की बीच दुश्मनी का एक कारण धार्मिक मतभेद भी है. ईरान जहां शिया बहुल देश है और दुनिया के शिया इस्लाम का केंद्र है वहीं, सऊदी अरब सुन्नी बहुत मुस्लिम देश और इस्लाम धर्म का केंद्र है.
हाल के सालों में दुश्मनी 2015 से बढ़ी जब हज के दौरान मची भगदड़ में 139 ईरानी हज यात्री मारे गए. ईरान ने अपने नागरिकों की मौत के लिए सऊदी अरब की सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया और धमकी दी कि ईरान मामले को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में ले जाएगा.
इसके बाद 2016 में सऊदी अरब ने एक प्रमुख शिया धर्मगुरु अल-निम्र समेत 46 लोगों को आतंकवाद के आरोप में फांसी दे दी. शिया धर्मगुरु को फांसी दिए जाने से ईरान बेहद नाराज हुआ और उसने सऊदी के कदम का पुरजोर विरोध किया. ईरान में सऊदी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए और प्रदर्शनकारियों ने राजधानी तेहरात स्थित सऊदी दूतावास पर धावा बोल दिया. इस तनाव के बीच सऊदी अरब ने ईरान से अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे.
सात सालों की दुश्मनी के बाद करीब आते सऊदी-ईरान
सऊदी अरब और ईरान की ये दुश्मनी सात सालों तक चलीं. इस दौरान हज के लिए कुछ संख्या में ईरानी सऊदी अरब जा तो रहे थे लेकिन सऊदी में उन्हें हेय दृष्टि से देखा जाता था.
लेकिन मार्च 2023 में चीन की मदद से सऊदी अरब और ईरान में सामान्यीकरण समझौता हुआ. समझौते के बाद ईरान ने सऊदी की राजधानी रियाद स्थित अपने दूतावास को दोबारा खोला और ईरान के हज यात्रियों को सऊदी अरब में इज्जत भी मिलने लगी. पहले जहां उन्हें होटल्स और गाड़ियों की बुकिंग में दिक्कतें आती थीं, वो सभी परेशानियां दूर हो गईं.
इस हज से पहले तक ईरान के हाजियों को सऊदी आने के लिए चार्टर्ड फ्लाइट्स बुक करने पड़ते थे लेकिन अब सऊदी अरब की एयरलाइन्स ने ईरानियों के लिए भी अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं.
हज के इतर बात करें तो, पिछले साल पिछले साल ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची और सऊदी अरब के वास्तविक शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने एक महीने के भीतर दो बार मुलाकात की.
नवंबर 2024 में इस्लामिक देशों की एक आपात बैठक में ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद रेजा आरेफ ने सऊदी क्राउन प्रिंस से मुलाकात की. इस दौरान ईरानी मंत्री ने क्राउन प्रिंस को ईरान आने का न्योता दिया. एमबीएस से मुलाकात के बाद ईरानी उपराष्ट्रपति ने कहा था कि ईरान और सऊदी की दोस्ती से क्षेत्र के इस्लामी देशों में भाईचारा बढ़ेगा. एमबीएस ने भी कहा कि ईरान के साथ रिश्ते बेहतर करना सऊदी के हित में है.