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सऊदी के 'स्लीपिंग प्रिंस' की 20 साल कोमा में रहने के बाद मौत, 15 की उम्र में हुए थे कार हादसे का शिकार

सऊदी अरब के एक स्पेशल हेल्थ सेंटर में प्रिंस की मौत की खबर से मातम पसर गया. उनकी मौत के बाद हजारों लोग धैर्य, विश्वास और प्रेम की अटूट मिसाल बन चुके प्रिंस के पिता खालिद बिन तलाल के लिए सोशल मीडिया के जरिए अपनी संवेदनाएं भेज रहे हैं. प्रिंस के इलाज के दौरान उनके पिता कई बार अस्पताल में अपने बेटे के बिस्तर के पास बैठे रहते थे.

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20 साल कोमा में रहने के बाद सऊदी प्रिंस की मौत (File Photo: Khaled bin Talal/X)
20 साल कोमा में रहने के बाद सऊदी प्रिंस की मौत (File Photo: Khaled bin Talal/X)

दुनियाभर में 'स्लीपिंग प्रिंस' के नाम से मशहूर सऊदी प्रिंस अल वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद की शनिवार को 35 साल की उम्र में मौत हो गई. करीब 20 साल पहले एक दर्दनाक कार हादसे का शिकार होने के बाद से वह कोमा में थे और इसी वजह से उन्हें 'स्लीपिंग प्रिंस' के नाम से जाना जाता था. 

15 साल की उम्र में हादसा

'गल्फ न्यूज' के मुताबिक 1990 में जन्मे प्रिंस अल वलीद, प्रिंस खालिद बिन तलाल अल सऊद के सबसे बड़े बेटे थे, जो एक प्रमुख सऊदी शाही और अरबपति प्रिंस अल वलीद बिन तलाल के भतीजे थे. साल 2005 में जब अल वलीद सिर्फ15 साल के थे, तब वह लंदन में मिलिट्री कैडेट के तौर पर पढ़ाई कर रहे थे, इस दौरान हुए एक भयावह कार हादसे में उनके सिर में गंभीर चोटें आईं और बहुत ज्यादा खून बह चुका था. इससे उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया और वह कोमा में चले गए.

हादसे के बाद बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ अमेरिकी और स्पेनिश डॉक्टरों की मदद के बावजूद प्रिंस अल वलीद कभी भी पूरी तरह होश में नहीं आ सके और उनकी मौत भी कोमा में रहने के दौरान हुई है.

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पिता के अटूट प्यार की कहानी

पिछले 20 साल में प्रिंस अल वलीद ज्यादातर वक्त कोमा में रहे, हालांकि कभी-कभार उनके मूवमेंट से उम्मीद की किरण जगती रही. उनके पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल ने लाइफ सपोर्ट सिस्टम यानी वेंटिलेटर हटाने के सुझावों को सार्वजनिक रूप से ठुकरा दिया था. वह ईश्वर पर अपने विश्वास के चलते लगातार अपने बेटे का इलाज कराते रहे. प्रिंस अल वलीद के पिता ने कभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी कि उनका बेटा एक दिन पूरी तरह ठीक हो जाएगा.

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प्रिंस का इलाज करने आए दुनियाभर के स्पेशलिस्ट डॉक्टर हार चुके थे, लेकिन उनके पिता का भरोसा इन 20 सालों में एक बार भी नहीं टूटा. अल वलीद के इलाज के दौरान कई बार उम्मीद जगी और फिर टूट गई. लेकिन पिता के दिल में जो उम्मीद थी, उसे कोई मेडिकल साइंस नहीं हरा पाई. आखिरी सांस तक प्रिंस के पिता ने न तो अपने बेटे का वेंटिलेटर हटाने दिया और न ही उनकी देखभाल में किसी तरह की कोई कसर छोड़ी.

हर साल मनाते थे जन्मदिन

प्रिंस खालिद बिन तलाल ने एक बार कहा था, 'अगर खुदा चाहता कि वो उस हादसे में मर जाए, तो कब का चला गया होता. लेकिन उसने आज तक उसकी रूह को थाम रखा है. वह उसे जरूर ठीक करेगा.' अप्रैल में प्रिंस अल वलीद के आखिरी जन्मदिन पर उनके लिए दुआओं और समर्थन की बाढ़ सी गई थी. उनके एक रिलेटिव ने प्रिंस की बचपन की फोटो शेयर करते हुए लिखा था, '20 साल से तुम हमारे दिलों में जिंदा हो और हम हर रोज़ तुम्हारे लिए दुआ करते हैं. अल्लाह, अपने बंदे को शिफा दे. तेरे सिवा उसके दर्द को कोई नहीं जानता.'

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सऊदी अरब के एक स्पेशल हेल्थ सेंटर में प्रिंस की मौत की खबर से मातम पसर गया. उनकी मौत के बाद हजारों लोग धैर्य, विश्वास और प्रेम की अटूट मिसाल बन चुके प्रिंस के पिता खालिद बिन तलाल के लिए सोशल मीडिया के जरिए अपनी संवेदनाएं भेज रहे हैं. प्रिंस के इलाज के दौरान उनके पिता कई बार अस्पताल में अपने बेटे के बिस्तर के पास बैठे रहते थे. 20 साल में प्रिंस का हॉस्पिटल रूम एक आध्यात्मिक स्थल बन गया, जहां अक्सर विजिटर्स अपनी प्रेयर्स और सपोर्ट देने आया करते थे.

पिता ने की इमोशनल पोस्ट

उनका जीवन और लंबा संघर्ष, न सिर्फ चिकित्सा चुनौतियों को दिखाता है, बल्कि मानवीय भावना और पारिवार के लिए समर्पण की एक अनूठी कहानी को भी बयां करता है. प्रिंस अल वलीद के पिता खालिद बिन तलाल ने एक इमोशनल पोस्ट करते हुए अपने बेटे की मौत की पुष्टि की है. 

कुरान की एक आयत का हवाला देते हुए उन्होंने लिखा: 'अल्लाह की इच्छा और आदेश पर भरोसा रखने वाले दिलों के साथ और गहरे दुख और उदासी के साथ, हम अपने प्यारे बेटे प्रिंस अल वालिद के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, अल्लाह उन पर दया करे, जिनका आज निधन हो गया.'

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लंदन के एक मिलिट्री कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनकी कार एक हादसे का शिकार हुई थी और तब उन्हें सऊदी अरब की राजधानी रियाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वे 20 साल तक कोमा में रहे. प्रिंस के पिता खालिद बिन तलाल ने बताया कि रविवार को उनके बेटे की अंतिम संस्कार प्रार्थना आयोजित की जाएगी. साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों के लिए अगले दो दिन तक शोक सभाएं होंगी.

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