रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ने का खतरा अभी टला नहीं है. करीब 1.5 लाख से ज्यादा रूसी सैनिक अब भी यूक्रेन की सीमा के आसपास डटे हुए हैं. रूस के हमले से यूक्रेन को बचाने के लिए NATO देश एक साथ आ गए हैं. NATO यानी नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन, जिसमें 30 देश शामिल हैं. रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव की वजह भी NATO को ही माना जा रहा है. NATO में शामिल होने के लिए यूक्रेन कोशिश कर रहा है, लेकिन रूस इसके खिलाफ है.
रूस के खिलाफ NATO देशों की गोलबंदी शुरू हो गई है. यूक्रेन के पड़ोसी देशों में NATO देशों ने सैनिक, हथियार और सैन्य वाहन पहुंचाने शुरू कर दिए हैं.
लिथुआनिया पहुंची जर्मन सेना
जर्मन सेना का 350 से ज्यादा सैनिकों और 60 वाहनों का काफिला गुरुवार को लिथुआनिया पहुंचा. ये काफिला मंगलवार को निकला था. लेफ्टिनेंट कर्नल डेनियल आंद्रे ने कहा कि हमने साबित कर दिया है कि हम कम समय में लंबी दूरी तय कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि अगले 2-3 दिनों में हॉवित्जर जैसे भारी हथियार भी लाए जाएंगे. जर्मनी के अलावा नीदरलैंड और नॉर्वे भी लिथुआनिया में सैनिक भेज रहे हैं.
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अमेरिका-ब्रिटेन-फ्रांस की रोमानिया में मौजूदगी
रोमानिया की सीमा यूक्रेन से लगती है. रोमानिया 2004 से NATO का सदस्य है. यहां अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों की सेनाएं मौजूद हैं.
शुक्रवार को 1 हजार अमेरिकी सैनिक रोमानिया के मिखाइल कोगलनिक्यू बेस पर पहुंचे. यहां पहले से ही 900 अमेरिकी सैनिक मौजूद थे. इस बेस का इस्तेमाल अमेरिका काला सागर के लिए 1999 से कर रहा है. एयरबेस पर अमेरिकी सेना के कई हथियार और तोपखाने भी हैं.
अमेरिका के अलावा फ्रांस के करीब 4 हजार सैनिक यहां मौजूद हैं. ब्रिटेन ने भी गुरुवार को 350 और सैनिक रोमानिया भेज दिए. इसके साथ ही ब्रिटेन ने 1 हजार से ज्यादा सैनिकों को मानवीय सहायता के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा जर्मनी वायुसेना के भी कुछ लड़ाकू विमान रोमानिया के कॉन्स्टेंटा के एक हवाई अड्डे पर उतरे.
पोलैंड-एस्टोनिया में अमेरिका-ब्रिटेन तैयार
अमेरिका ने पोलैंड और रोमानिया में 5 हजार से ज्यादा सैनिकों को भेज दिया है. साढ़े 8 हजार सैनिकों को स्टैंडबाय पर रखा गया है. ब्रिटेन ने भी सैकड़ों सैनिक पोलैंड में भेज दिए हैं. साथ ही जंगी जहाज और प्लेन की मौजूदगी भी बढ़ाने को कहा है. ब्रिटेन एस्टोनिया में भी सैनिकों की संख्या दोगुनी कर रही है और यहां टैंक के अलावा बख्तरबंद गाड़ियां भी भेज रहा है. बाल्टिक सागर इलाके में एयर पुलिसिंग के लिए डेनमार्क और स्पेन प्लेन मुहैया करा रहे हैं.
यूक्रेन पर हमले के लिए तैयार है रूसः बाइडेन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में प्रेस से बात करते हुए कहा कि यूक्रेन पर हमले के लिए रूस तैयार है और वो कभी भी हमला कर सकता है. उन्होंने कहा कि हमें रूसी सेना की वापसी का दावा करने के कोई संकेत नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा कि रूस झूठ बोल रहा है ताकि वो हमला कर सके.
NATO के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि रूस के पास पर्याप्त सैनिक और पर्याप्त क्षमता है और वो बिना चेतावनी दिए कम समय में हमला करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि ट्रेन में टैंक को रखकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाना वापसी को साबित नहीं करता.